मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने में पुलवामा मुख्य वजह- रवीश कुमार
मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने में पुलवामा मुख्य वजह- रवीश कुमार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने में पुलवामा आतंकी हमले की भूमिका रही है। दरअसल, इस हमले के बाद भारत के समर्थन में अमेरिका समेत कई देश आ गए थे, जिसके बाद दुनियाभर के दबाव में चीन को मसूद अजहर पर से अपना टेक्निकल होल्ड हटाना पड़ा। चीन के टेक्निकल होल्ड हटाने के बाद बुधवार को संयुक्त राष्ट्र ने अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया।
रवीश कुमार ने हालांकि ये भी कहा, "अजहर को एक घटना के आधार पर नहीं बल्कि आतंकवाद के कई कृत्यों के लिए ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया है। हमारा उद्देश्य वैश्विक आतंकवादी के रूप में उसकी लिस्टिंग को सुनिश्चित करना था। रवीश कुमार से यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में डाले जाने के बदले में चीन को कुछ भी देने की पेशकश की है? इस पर कुमार ने कहा "हम किसी भी देश के साथ आतंकवाद और राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मामलों में समझौता नहीं करते हैं।"
रवीश कुमार ने कहा, "चीन पहले ही स्पष्टीकरण दे चुका है कि उसने अपना टेक्निकल होल्ड क्यों हटाया है।" उन्होंने कहा कि अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में डाले जाने के लिए चीन के समर्थन से दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध स्थापित होंगे। रवीश कुमार ने कहा, हम मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के संयुक्त राष्ट्र के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत की स्थिति के अनुसार एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद और अजहर के बारे में पैनल के सदस्यों को जानकारी प्रदान की थी।
उन रिपोर्ट्स पर जिसमें कहा जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में डाले जाने के दौरान पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसी स्थिति में फंस गया है जहां वह न तो इस फैसले का स्वागत कर सकता है और न ही आलोचना कर सकता है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान इस कूटनीतिक झटके से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। वे इस निर्णय का स्वागत नहीं कर सकते, वे इस निर्णय की आलोचना नहीं कर सकते, केवल उनके लिए बचा हुआ विकल्प खामिया निकालना है।"
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है। बुधवार को चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपना टेक्निकल होल्ड हटा लिया, जिसे पुलवामा आतंकी हमले के कुछ ही दिनों बाद फरवरी में फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में पेश किया था। इससे पहले तीन बार चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में डाले जाने से बचाया था।