सपा ने बताया मायावती के गठबंधन तोड़ने का कारण, कहा- अखिलेश के साथ जुड़ रहे दलित
सपा ने बताया मायावती के गठबंधन तोड़ने का कारण, कहा- अखिलेश के साथ जुड़ रहे दलित
- मायावती ने इसीलिए की गठबंधन खत्म करने की घोषणा
- सपा नेता ने कहा- मयावती सामाजिक न्याय की लड़ाई को कमजोर कर रही
- समाजवादी पार्टी का दावा
- ड़े पैमाने पर दलित अखिलेश यादव के साथ
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने सोमवार को दावा किया कि बसपा प्रमुख मायावती ने जल्दबाजी में उनके साथ गठबंधन खत्म करने की घोषणा की क्योंकि बड़े पैमाने पर दलित अखिलेश यादव के साथ जुड़ते जा रहे थे। बता दें कि मायावती ने दिन में घोषणा की थी कि भविष्य में उनकी पार्टी अपने दम पर "छोटे और बड़े" सभी चुनाव लड़ेगी।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रमाशंकर विद्यार्थी ने कहा, "वह सपा और उसके नेता अखिलेश यादव को मिल रहे दलितों के समर्थन के कारण जल्दबाजी में समाजवादी पार्टी के खिलाफ बोल रही हैं। वह सामाजिक न्याय की लड़ाई को कमजोर कर रही हैं।" सपा नेता ने कहा कि "दलित समाज" बड़े पैमाने पर समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव के साथ जुड़ रहा है। उन्होंने कहा, "लोगों को इस बात की असलियत पता है कि गठबंधन की "मालकिन" ने क्या किया है।"
इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर कहा था कि "बीएसपी की आल इण्डिया बैठक रविवार को लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली। इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था। फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेस नोट भी जारी किया गया था।"
मायावती ने कहा, "वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार कर देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया।"
उन्होंने कहा, "लेकिन लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।"