शराब खरीदने लगी लाइन, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
शराब खरीदने लगी लाइन, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शराब की दुकान खोलने के सरकार के आदेश के बाद सोमवार को मुंबई में दुकानों के बाहर लोगों की भारी भीड़ जुट गई। माटुंगा, घाटकोपर, मार्वे जैसे कई इलाकों में शराब की दुकाने खुलने से पहले ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए सैकड़ों लोग दुकानों के सामने खड़े हो गए। कई इलाकों में तो लोगों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी तो कुछ जगहों पर दुकाने बंद करानी पड़ी सोमवार को महानगर में शराब की दुकानें खोले जाने को लेकर असमंजस की स्थिति थी। इसके चलते बड़ी संख्या में ऐसी दुकानें भी थी जो नहीं खुली। लेकिन वहां भी लोगों ने दुकानें खुलने की उम्मीद में सुबह से ही लाइन लगा रखी थी। माटुंगा इलाके में ऐसी अफरा-तफरी मची की पुलिस ने शराब की दुकान बंद करा दी। मार्वे इलाके में तो कतार में महिलाएं भी नजर आयीं।
कोराना वायरस को लेकर गठित कंट्रोल रुम के प्रभारी प्रमुख सचिव भूभण गगराणी ने पत्रकारों से बातचीत में शराब की दुकान खोलने के मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कंटेन्मेंट इलाकों को छोड़कर सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि इस पर अंतिम फैसले का अधिकार जिला प्रशासन को दिया गया है। मीरा भायंदर मनपा आयुक्तचन्द्रकांत डांगे ने मनपा क्षेत्र में शराब की दुकाने न खोलने का फैसला किया है। इसी तरह नागपुर और गोंदिया में भी जिला प्रशासन ने शराब की दुकाने बन्द रखने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है। हालांकि अगर कोई अधिकारी शराब की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं देता है तो उन्हें इसका कारण सरकार को बताना होगा। गगराणी ने सफाई दी कि महज राजस्व बढ़ाने के लिए ही शराब की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अगर शराब की दुकानें नहीं खोलेंगे तो कुछ लोग इसे ज्यादा पैसे लेकर लोगों के घर तक पहुंचाने लगेंगे। साथ ही प्रतिबंधित देशी शराब का चलन बढ़ जाएगा। इससे दूसरी समस्याएं खड़ी हो जाएगी।
पांच जिलों में शराब की बिक्री पर रोक
उन्होंने बताया कि राज्य के पांच जिलों सोलापुर, औरंगाबाद, जालना, बुलढाणा और अमरावती जिला प्रशासन ने शराब की दुकानें नहीं खोलने का निर्णय लिया है। बुलढाणा और अमरावती प्रशासन ने भी शराब की बिक्री पर 17 मई तक रोक जारी रखने और सिर्फ जरूरी सामान की बिक्री की इजाजत देने का फैसला किया है। औरंगाबाद जिलें में शराब बनाने की फैक्टरियां और बॉटलिंग प्लांट फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है लेकिन शराब की बिक्री पर रोक जारी रहेगी।
औरंगाबाद में विरोध करेगी एमआईएम
औरंगाबाद से सांसद व एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने लॉकडाउन में ढील के दौरान शराब की दुकानों को खोले जाने के निर्णय को गलत बताते हुए चेतावनी दी कि अगर औरंगाबाद में शराब की दुकानें खोली गईं तो उनकी पार्टी इसे "जबरन बंद करवा" देगी। जलील का कहना है कि शराब की बिक्री शुरू किए जाने से घरेलू हिंसा में इजाफा होगा और इसका खामियाजा महिलाओं को भुगतना होगा।
मुंबई भाजपा की मांग, पुनर्विचार करे सरकार
मुंबई जैसे सघन बस्तियों में शराब की दुकानें फिर से शुरू करने पर मुंबई भाजपा महासचिव आर यू सिंह ने पुनर्विचार की मांग की है। सिंह का कहना है कि शराब की दुकानें खुलते ही खरीदारों की जिस तरह की लाइनें लग रही हैं, वह भयावह है। सामाजिक दूरी को धता बताते हुए लोग दुकानों पर उमड़ पड़े हैं, जिन सोसायटी में दुकानें हैं, वहां के निवासी एक दिन में ही परेशान हो गए हैं, उन्हें कोरोना संक्रमण का डर सताने लगा है इसलिए शराब की दुकानों को लॉकडाउन तक यानी 17 मई तक बंद रखा जाए।
‘शराब की सभी दुकानों के बाहर भीड़भाड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई है। लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
प्रणय अशोक, डीसीपी एवं प्रवक्ता मुंबई पुलिस