India-China Dispute: सैटेलाइट इमेज में खुलासा, पैंगॉन्ग लेक में तैनाती बढ़ा रहा चीन

India-China Dispute: सैटेलाइट इमेज में खुलासा, पैंगॉन्ग लेक में तैनाती बढ़ा रहा चीन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-31 09:21 GMT
India-China Dispute: सैटेलाइट इमेज में खुलासा, पैंगॉन्ग लेक में तैनाती बढ़ा रहा चीन
हाईलाइट
  • 29 जुलाई की सैटेलाइट इमेज में खुलासा
  • फिंगर-5 से 8 तक चीन बढ़ा रहा है ताकत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद फिलहाल थमता दिखाई नहीं दे रहा है। दोनों देश 14 जुलाई को बातचीत में डिसएंगेजमेंट के लिए राजी हुए थे, लेकिन इसके बावजूद चीन पैंगॉन्ग झील में अपनी तैनाती बढ़ा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने इस इलाके में अतिरिक्त बोट और सेना की टुकड़ी को तैनात किया है। चीन ने यहां नए कैंप बनाने भी शुरू कर दिए हैं। चीन की ये करतूत सैटेलाइट इमेज में कैद हो गई है।

चीनी सेना ने बढ़ाई ताकत
इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक 29 जुलाई की सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीनी सेना फिंगर-5 और फिंगर-6 में डेरा जमाए हुए हैं। फिंगर-5 पर चीनी सेना की तीन बोट और फिंगर-6 पर 10 बोट दिखाई दिए। हर बोट में 10 जवान सवार हैं। यानी 130 जवान फिंगर-4 के बेहद करीब तैनात हैं। इससे पहले 15 जून की सैटेलाइट इमेज में फिंगर-6 में चीनी सेना की 8 बोट दिखाई दी थी। फिंगर-5 में चीनी सेना का बेस दिखाई दिया था, जिसमें 40 कैंप दिखाई दे रहे हैं। इसका मतलब है कि चीनी सेना ने इस इलाके में अपनी ताकत बढ़ाई है। 

चीन ने कहा- पैंगोंग में सीमा रेखा LAC के अनुसार
इससे पहले गुरुवार को भारत में चीन के राजदूत सन वेइदॉन्ग ने कहा था, पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर चीन की पारंपरिक सीमा रेखा LAC के अनुसार है। ऐसा कुछ नहीं है कि चीन ने अपने क्षेत्रीय दावे का विस्तार किया हो। उन्होंने कहा था, दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयासों से, विवादित क्षेत्रों में से ज्यादातर में उसकी पीछे हटने (डिसएंगेजमेंट) की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन के इस दावे को खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया में थोड़ी प्रगति देखने को मिली है लेकिन पूरी प्रक्रिया होनी अभी भी बाकी है। 
हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष डी-एस्केलेशन और डिसएंगेजमेंट के लिए हमारे साथ ईमानदारी से काम करेगा।

लद्दाख के इलाकों पर चीन की नजर
बता दें कि भारत और चीन के बीच दो महीने से भी ज्यादा समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। पैंगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली नहीं चली। बातचीत के जरिए दोनों देश इस विवाद को सुलझानें की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक इसे पूरी तरह सुलझाया नहीं जा सका है।

डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे दोनों देश
30 जून को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में दोनों देश डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे। डिसएंगेजमेंट प्लान में तय हुआ था कि सेना धीरे-धीरे 2.5 से 3 किलोमीटर पीचे हटेगी और LAC के करीब बनाए गए मिलिट्री बिल्ड-अप को भी हटाया जाएगा। उधर, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने 5 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की थी। इस बातचीत में भी दोनों देशों के बीच सेना को फेज़ वाइज़ पीछे हटाने पर सहमति बनी। इसके बाद चीन की सेना पेट्रालिंग प्वाइंट 14, 15 और 17A पर टेंट और स्ट्रक्चर हटाते दिखाई दी थी। चीनी सेना ने अपने वाहनों को भी करीब 2 किलोमीटर पीछे हटा लिया था।

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