तीसरी लहर में बड़ों से ज्यादा बच्चे हो रहे संक्रमित, एक्सपर्ट ने बताई वजह, बूस्टर डोज का कारण भी किया स्पष्ट
इस बार बच्चों पर असर क्यों? तीसरी लहर में बड़ों से ज्यादा बच्चे हो रहे संक्रमित, एक्सपर्ट ने बताई वजह, बूस्टर डोज का कारण भी किया स्पष्ट
- इसका संक्रमण दर बहुत अधिक है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण दुनिया भर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है। जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी तहस नहस कर दिया है। लेकिन कोरोना की इस लहर में बच्चे अधिक संक्रमित हो रहे है। इसको लेकर डॉक्टर फहीम यूनुस मे कहा है कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि कोरोना की बीती लहरों की तुलना में इस बार कोरोना का संक्रमण का फैलाव अधिक है।
एएनआई से बात करते हुए अमेरिका के जाने माने डॉ. फहीम यूनुस ने कहा है कोरोना वायरस ने इस लहर बच्चों को अधिक संक्रमित किया है। इसको लेकर उनका मानना है कि यह वायरस बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है बल्कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इसका संक्रमण दर बहुत अधिक है।
उन्होनें यह भी कहा कि बच्चों की स्थिति अभी भी वयस्कों की तुलना में ज्यादा बेहतर दिखाई दे रही है। डॉ. फहीम ने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर यह धारणा है कि यह वैरिएंट हमारे फेफड़ों और निचले श्वसन पथ की अपेक्षा में ऊपरी श्वसन पथ को ज्यादा संक्रमित करता है। लेकिन बच्चों में ऊपरी श्वसन मार्ग विकसित हो रहा होता है। इसलिए डॉक्टरों का मानना कि इसके कारण ही ज्यादा बच्चे अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहे हैं। आपको बता दें श्वसन मार्ग वह मार्ग होता जिसमें सांस को लेने और छोडने की प्रक्रिया होती है।
डॉ यूनुस ने हमारे शरीर में पानी के महत्व के बारे में बताते हुए, बूस्टर डोज के महत्व को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, सुबह एक गिलास पानी पीने के बाद भी, हम दोपहर और रात में भी पानी पीते है। क्योंकि एक गिलास पानी हमारे लिए पर्याप्त नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि एक गिलास पानी पीकर आप महीने भर तक बिना पानी पिये नहीं रह सकते। आपको और भी पानी पीना पड़ेगा इस बात को हम सब ठीक से समझते हैं?
उन्होंने आगे कहा कि ठीक इसी तरह ही आपका इम्युन सिस्टम हमेशा के लिए एक जैसा नहीं रह सकता। इसीलिए रिमाइंडर या बूस्टर डोज की भी बार-बार की जरूरत होती है, और यह असामान्य नहीं है।
एएनआई से बात करते हुए डॉक्टर ने कहा कि टीकों को भी बार-बार बूस्टर की जरूरत होती है। इसलिए इस महत्वपूर्ण बात को समझना होगा कि अगर किसी ने 6,8,10,12 महीने पहले कोई भी वैक्सीन लगवाई थी। यह उसी तरह है जैसे पिछले हफ्ते एक गिलास पानी पीया गया हो।
हालांकि डॉक्टर ने यह भी कहा कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित हो चुके लोग अभी भी ओमिक्रोन की चपेट में आ रहे हैं। और जब कोई व्यक्ति किसी वायरस से संक्रमित होता है तब उसकी इम्युनिटी बढ़ जाती है।
जिससे आपके शरीर में आने वाले समय में वायरस से लड़ने की क्षमता और बढ़ जाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि संक्रमित होने से बचने के लिए कोरोना की गाइडलाइन का पालन करें।