सशस्त्र बलों को हर समय तैयार रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता

राजनाथ सिंह सशस्त्र बलों को हर समय तैयार रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-17 18:00 GMT
सशस्त्र बलों को हर समय तैयार रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
हाईलाइट
  • दुनिया के लिए एक विशेष परियोजना है और नए भारत की नई ऊर्जा की प्रतीक है

बेंगलुरु, 17 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि दुनिया में आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक हालात बदल रहे हैं और बड़ी वैश्विक ताकतें आपस में जूझ रही हैं।

सिंह ने कहा कि हमारी रक्षा जरूरतें भी बढ़ गई हैं और सैन्य बलों का लगातार आधुनिकीकरण आज की जरूरत हो गई है। खुद को तैयार रखना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है और हम अपनी रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। चाहे यह तकनीक हो या उत्पाद, सेवाएं हों या फैसिलिटीज हों, उनका आधुनिकीकरण और तेज विकास वक्त की जरूरत है।

रक्षा मंत्री सिंह ने गुरुवार को बेंगलुरु, कर्नाटक में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (एडीई) में सात मंजिला फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) इंटिग्रेशन फैसिलिटी का शुभारंभ करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा, खुद को तैयार रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम अपनी सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

सिंह ने कहा, इस अत्याधुनिक परिसर को रिकॉर्ड 45 दिनों में बनाया गया है, जो परंपरागत, प्री-इंजीनियर्ड और प्रीकास्ट प्रणाली के साथ हाइब्रिड प्रौद्योगिकी से युक्त है। इस तकनीक को डीआरडीओ ने लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के साथ मिलकर विकसित किया था। डिजाइन और तकनीक समर्थन आईआईटी मद्रास और आईआईटी रुड़की की टीमों ने उपलब्ध कराया है।

उन्होंने कहा, यह एफसीएस फैसिलिटी एडीई, बेंगलुरु द्वारा विकसित किए जा रहे फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए एवियॉनिक्स और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के लिए एफसीएस के लिए अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) गतिविधियों के लिए समर्थन देगी।

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि यह न सिर्फ देश के लिए, बल्कि दुनिया के लिए एक विशेष परियोजना है और नए भारत की नई ऊर्जा की प्रतीक है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह फैसिलिटी राष्ट्रीय सुरक्षा को बढावा देने में एक लंबा सफर तय करेगी।

उन्होंने कहा, यह ऊर्जा सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और शिक्षाविदों के बीच प्रौद्योगिकी, प्रतिबद्धता, संस्थागत सहयोग है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत से ऊपर है। परिसर कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के पायलटों को सिम्युलेटर प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएगा।

राजनाथ सिंह ने इसे परिसर के सबसे अहम कम्पोनेंट्स में एक बताया है। उन्होंने कहा कि सिम्युलेटर प्रशिक्षण से किसी प्रकार के नुकसान की संभावना के बिना गलतियों से सीखने का एक अवसर मिलता है।

सिंह ने सशस्त्र बलों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, शिक्षाविदों, छात्रों, किसानों और जनता के बेहतरी तथा एक खुशहाल व समृद्ध भविष्य की तलाश से जुड़ी कोशिशों में समर्थन देने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देने में डीआरडीओ द्वारा निभाई जा रही अहम भूमिका के लिए सराहना करते हुए कहा, दुनिया में आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक हालात बदल रहे हैं और बड़ी वैश्विक ताकतें आपस में जूझ रही हैं। हमारी रक्षा जरूरतें भी बढ़ गई हैं और सैन्य बलों का लगातार आधुनिकीकरण आज की जरूरत हो गई है। खुद को तैयार रखना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है और हम अपनी रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

एफसीएस फैसिलिटी 1.3 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में बनी एक इमारत है। 45 दिन में निर्माण पूरा करने के साथ, देश के निर्माण उद्योग के इतिहास में पहली बार हाइब्रिड निर्माण प्रौद्योगिकी के साथ एक स्थायी सात मंजिला भवन का निर्माण पूरा करने का एक अनोखा रिकॉर्ड बन गया है। हाइब्रिड निर्माण प्रौद्योगिकी में, ढांचे के खंभे और बीम स्टील की प्लेटों से बनाए गए हैं।उद्घाटन के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, रक्षा अनुसंधान एवं विकास सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी और डीआरडीओ और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

एकेके/एएनएम

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