कश्मीरी ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता रहमान राही का निधन
कविताओं पर विशेष कश्मीरी ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता रहमान राही का निधन
- उत्कृष्ट अनुवाद
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। प्रसिद्ध कश्मीरी कवि, आलोचक और विद्वान प्रोफेसर अब्दुल रहमान राही का सोमवार को निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे।
उन्हें वर्ष 2004 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1961 में उनके कविता संग्रह नवरोज-ए-सबा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला और 2000 में पद्म श्री से नवाजा गया था।
वह पहले कश्मीरी लेखक हैं जिन्हें उनके काव्य संग्रह सियाह रूद जेरेन मंज (ब्लैक ड्रिजल में) के लिए देश के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया।
ट्रांसलेटर के रूप में, उन्होंने मूल पंजाबी से कश्मीरी में बाबा फरीद की सूफी कविता का उत्कृष्ट अनुवाद किया। कैमस और सात्र्र का उनकी कविताओं पर कुछ प्रभाव पड़ा, जबकि दीना नाथ नादिम का प्रभाव उनकी कविताओं पर भी विशेष रूप से पहले के कार्यों में दिखाई देता है।
आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.