डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त गिरीश चंद्र मुर्मू ने बुधवार शाम इस्तीफा दे दिया। मुर्मू को 31 अक्टूबर को उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। मौजूदा कैग राजीव महर्षि जम्मू-कश्मीर के अगले एलजी हो सकते हैं। सिविल सेवाओं से रिटायर होने के बाद राजीव महर्षि को भारत के शीर्ष सार्वजनिक लेखा परीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। वह भारत के वित्त सचिव और गृह सचिव रह चुके हैं। उन्हें 2017 में सीएजी नियुक्त किया गया था। 7 अगस्त को वह रिटायर हो रहे हैं।
कार्यकाल से पहले मुर्मू का इस्तीफा
यह पहली बार नहीं है कि गुजरात कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी जीसी मुर्मू अपने कार्यकाल से पहले इस्तीफा दे रहे हैं। केंद्रशासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर, जो राज्यों के राज्यपालों की तरह हैं, पांच साल के कार्यकाल पर नियुक्त किए जाते हैं। मुर्मू केंद्रीय वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें नए केंद्र शासित प्रदेश का एलजी बनाने का फैसला किया। मुरमू ने नवंबर-2019 में अपने रिटायरमेंट से एक महीने पहले IAS से इस्तीफा दे दिया था।
मोदी-शाह के विश्वास पात्र है मुर्मू
मुर्मू को पीएम मोदी और शाह का विश्वास पात्र कहा जाता है। वे उनके साथ गुजरात में काम कर चुके हैं। वह गृह विभाग में तैनात थे। 2014 में पीएम मोदी के दिल्ली आने के बाद, मुर्मू आनंदीबेन पटेल के प्रमुख सचिव के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय में चले गए। वह वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में एक साल से भी कम समय के बाद केंद्र सरकार में शामिल हुए और पद छोड़ दिया।
31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आए थे दो नए केंद्र शासित प्रदेश
बता दें कि 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया था और दो नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए थे। आर्टिकल 370 के समाप्त होने के बाद यह निर्णय प्रभावी हुआ था। इसके बाद घोषणा की गई थी कि जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल गिरिश चंद्र मुर्मू और लद्दाख के उपराज्यपाल आर.के.माथुर होंगे।