कर्नाटक: सरकार बचाने की कवायद तेज, कांग्रेस-जेडीएस से सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

कर्नाटक: सरकार बचाने की कवायद तेज, कांग्रेस-जेडीएस से सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-08 06:35 GMT
कर्नाटक: सरकार बचाने की कवायद तेज, कांग्रेस-जेडीएस से सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
हाईलाइट
  • अगर जरूरत पड़ी तो हम सभी इस्तीफा देंगे और उन विधायकों को जगह देंगे
  • कर्नाटक में निर्दलीय विधायक नागेश ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
  • जी परमेश्वर राव ने कहा- हमें पता है बीजेपी क्या कर रही है

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में सियासी हलचल लगातार तेज होती जा रही है। विधायकों को इस्तीफों से कुमारस्वामी सरकार का संकट गहराता जा रहा है वहीं कांग्रेस ने भी सरकार बचाने की कवायद तेज कर दी है। कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायकों के बाद आज सोमवार को निर्दलीय विधायक के समर्थन वापस लेने से राज्य सरकार को झटका लगा। निर्दलीय विधायक नागेश ने भी मंत्री पद से इस्तीफा देकर बीजेपी को समर्थन दे दिया है। वहीं सरकार बचाने के लिए कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर राव सहित कांग्रेस के सभी 22 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। 

कांग्रेस कोटे के सभी मंत्रियों ने प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, आज हुई बैठक में मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया, जिससे कि अन्य लोगों को अवसर दिए जा सके। सरकार में पूरी तरह से बदलाव होगा, लेकिन हमारी सरकार चलती रहेगी। कर्नाटक की सियासत को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कर्नाटक में आज जो कुछ हो रहा उससे बीजेपी का कोई संबंध नहीं है, हमने कभी भी इस तरह से किसी पर दवाब बनाया।  

कर्नाटक के निर्दलीय मंत्री नागेश ने राज्यपाल को इस्तीफा देकर कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद कहा, अगर बीजेपी की सरकार बनी तो उसको समर्थन दूंगा। बीजेपी नेता शोभा करंदलजे ने निर्दलीय विधायक नागेश के इस्तीफे का स्वागत किया है। शोभा ने कहा, कुमारस्वामी को तुरंत इस्तीफा देना चहिए, उन्होंने बहुमत खो दिया है। कांग्रेस के विधायक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। उन्हें अगली सरकार को मौका देना चाहिए।

कर्नाटक की सियासत को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कर्नाटक में आज जो कुछ हो रहा उससे बीजेपी का कोई संबंध नहीं है, हमने कभी भी इस तरह से किसी पर दवाब बनाया।  कांग्रेस का आरोप है, BJP राज्य में सरकार को गिराना चाहती है। 

कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी के बीच सोमवार को गुप्त मुलाकात हुई। इसके बाद कुमारस्वामी डेप्युटी सीएम जी. परमेश्वर से मिलने पहुंचे। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, मंत्री खादर, शिवशंकर रेड्डी, वेंकटरमनप्पा, जयमाला, एमबी पाटिल, कृष्णा बायर गौड़ा, राजशेखर पाटिल, राजशेखर पाटिल, डीके शिवकुमार भी परमेश्वर राव के घर पहुंचे हैं। 

दरअसल कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस और निर्दलीय के 14 विधायकों के इस्तीफे के राज्य की एच डी कुमारस्वामी सरकार गहरे संकट में फंस गई है। राज्य में सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ऐक्शन मोड में है लेकिन उनकी कोशिशें अभी तक सफल होती नहीं दिख रही है। उधर, बागी विधायक अड़े हुए हैं। फिलहाल सभी दलों का बैठकों का दौर जारी है। कर्नाटक संकट से जुड़े हर अपडेट के लिए हमसे जुड़े रहें.

सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ऐक्शन मोड में है लेकिन उनकी कोशिशें सफल होती नहीं दिख रही हैं। वहीं बीजेपी राज्य में सरकार बनाने को लेकर एक्टिव होती दिख रही है। इस्तीफा देने वाले कांग्रेस-जेडीएस के विधायक इस वक्त मुंबई के एक होटल में डेरा जमाए हैं। पार्टी की तरफ से सभी को मनाने की कोशिश जारी है। बिगड़े हालात के बीच सीएम कुमारस्वामी अमेरिका से लौटने के बाद से ही बैठकें कर रहे हैं। सीनियर नेताओं की बैठकें चल रही हैं। कांग्रेस को भरोसा है इस्तीफा देने वाले विधायक वापस आ जाएंगे, लेकिन बागी विधायकों का कहना है इस्तीफा लौटाने का सवाल ही नहीं है। कांग्रेस ने सर्कुलर जारी कर सभी विधायकों को 9 जुलाई को हाजिर रहने का निर्देश दिया है।

बीजेपी ने भी विधायकों की आज शाम 5 बजे बैठक बुलाई है। राज्यपाल के फैसले का इंतजार हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल 17 जुलाई तो बहुमत परीक्षण के लिए कह सकते हैं। 12 जुलाई से कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है।

बता दें कि, अगर 14 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो गया तो 224 सीटों वाली विधानसभा की संख्या घटकर 210 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 113 के बजाए 106 सीटों की जरूरत पड़ेगी। कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे और एक निर्दलीय विधायक नागेश के इस्तीफे के बाद गठबंधन सरकार के MLA की संख्या घटकर 104 (स्पीकर को छोड़कर) रह जाएगी, जो बहुमत के लिए जरूरी सीटों से 2 कम होगी।

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