कर्नाटक बजरंग दल कार्यकर्ता हत्याकांड
एनआईए ने तेज की जांच कर्नाटक बजरंग दल कार्यकर्ता हत्याकांड
- बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के मामले में जांच तेज
- राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा दिया है
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कर्नाटक पुलिस से कार्यभार संभालने के बाद बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के मामले में जांच तेज कर दी है। गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने शनिवार को कहा कि आरोपियों और उनके पीछे के संगठनों की पृष्ठभूमि के बारे में पता चलने के बाद मामला एनआईए को सौंपना उचित समझा गया। उन्होंने कहा, राज्य ने गहन जांच की है और यह पाया गया है कि इसका उद्देश्य सांप्रदायिक हिंसा भड़काना था। इसके अलावा, मैं गृह मंत्री के रूप में मामले के बारे में कुछ नहीं बता सकता।
शिवमोग्गा के एसपी लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि स्थानीय पुलिस ने सभी दस्तावेज एनआईए को सौंप दिए हैं और वह जांच में सहयोग कर रही है। 20 फरवरी को शिवमोग्गा में एक गिरोह द्वारा हर्षा की हत्या कर दी गई थी, जिससे हिंसा भड़क गई थी और यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया था। हिंसा से बचने के लिए शिवमोग्गा में 8 दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था।
बाद में, पुलिस ने मामले के संबंध में 10 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लागू किया। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह मामला हत्या से कहीं अधिक है। हिंदू संगठनों को संदेह है कि हर्षा को मारने वाली ताकतें युवाओं को हिंदुत्व गतिविधियों से दूर रहने का संदेश देना चाहती थीं। राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा दिया है और जनता ने भी बड़ी रकम दान में दी है।
(आईएएनएस)