तीसरी लहर की आहट! SARS-CoV-2 वायरस की आर वैल्यू ने एक को पार किया, 7 मई के बाद पहली बार ऐसा हुआ
तीसरी लहर की आहट! SARS-CoV-2 वायरस की आर वैल्यू ने एक को पार किया, 7 मई के बाद पहली बार ऐसा हुआ
- इंस्टिट्यूट के मुताबिक 27-31 जुलाई की अवधि में अनुमानित आर वैल्यू 1.03 है
- चेन्नई के इंस्टिट्यूट ऑफ मैथेमेटिकल साइंस की फाइंडिंग्स में ये बात सामने आई
- भारत में SARS-CoV-2 की 'R' वैल्यू 7 मई के बाद पहली बार 1 को पार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में SARS-CoV-2 की "R" वैल्यू 7 मई के बाद पहली बार 1 को पार कर गई है। चेन्नई के इंस्टिट्यूट ऑफ मैथेमेटिकल साइंस की फाइंडिंग्स में ये बात सामने आई है। इंस्टिट्यूट के मुताबिक 27-31 जुलाई की अवधि में अनुमानित आर वैल्यू 1.03 है। आर वैल्यू को आर फैक्टर भी कहते हैं। आर वैल्यू से पता चलता है कि एक कोविड-19 मरीज कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। आर वैल्यू का 1 को पार कर जाना कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर के दृष्टिकोण से चिंताजनक है।
चेन्नई के इंस्टिट्यूट ऑफ मैथेमेटिकल साइंस में कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी और थ्योरिटिकल फिजिक्स के प्रोफेसर, सीताभरा सिन्हा से जब ये पूछा गया कि क्या आर वैल्यू का 1 को पार कर जाना कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर के दृष्टिकोण से चिंताजनक है? इस पर प्रोफेसर ने कहा, निश्चित रूप से। उन्होंने ये भी कहा कि आर वैल्यू का 1 से अधिक होना एक अस्थायी घटना हो सकती है और यह संभव है कि अगले कुछ दिनों में यह फिर से 1 से कम हो जाए, तथ्य यह है कि एक ही समय में कई राज्यों में आर वैल्यू 1 से अधिक हो गई है। यह बताता है कि एक्टिव मामलों में यह वृद्धि कोऑर्डिनेटेड और सिस्टमिक है।
प्रोफेसर सीताभरा सिन्हा ने कहा कि एक ही समय में दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में भी आर वैल्यू लगभग एक से ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और अन्य राज्यों में एक्टिव मामलों के बढ़ते ट्रेंड बताते हैं कि हम जो देख रहे हैं वह सिर्फ एक क्षणिक घटना नहीं हो सकती है। प्रोफेसर सीताभरा सिन्हा ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कम से कम एक सप्ताह तक इंतजार करना चाहिए कि हम जो देख रहे हैं वह एक सस्टेन्ड ट्रेंड है। इससे पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने भी पुष्टि की थी कि "R" वैल्यू 1 को टच कर रही है।