ऐसी थी भारत की सुषमा, 25 साल की उम्र में बन गई थी कैबिनेट मंत्री
ऐसी थी भारत की सुषमा, 25 साल की उम्र में बन गई थी कैबिनेट मंत्री
- 25 साल की उम्र में वह कैबिनेट मंत्री बन गई थी
- भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है
- सुषमा स्वराज को एक प्रखर वक्ता के रूप में जाना जाता था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लंबे समय से वह बिमार चल रही थी। सुषमा स्वराज भाजपा की एकमात्र नेता थीं, जिन्होंने उत्तर और दक्षिण भारत, दोनों क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उन्हें एक प्रखर वक्ता के रूप में जाना जाता था। 25 साल की उम्र में वह कैबिनेट मंत्री बन गई थीं।
सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ की थी। सुषमा स्वराज 7 बार सांसद, 3 बार विधायक और 15वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं। 25 साल की उम्र में साल 1977 में वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बन गई थीं। चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में उन्हें मंत्री बनाया गया था। 27 साल की उम्र में उन्हें हरियाणा राज्य में भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख बना दिया गया। वह 1987 से 1990 तक हरियाणा की शिक्षा मंत्री भी रहीं।
सुषमा स्वराज का राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री 1990 में हुई जब वह राज्यसभा सांसद चुनी गई थी। उन्होंने अपना 6 साल का कार्यकाल पूरा किया और फिर 1996 में वे 11वीं लोकसभा के लिए चुनी गई। उन्हें अटलबिहारी वाजपेयी की तेरह दिनी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री बनाया गया था। इसके बाद 12वीं लोकसभा में वह दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं थी। केंद्रीय कैबिनेट में उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय के अलावा दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था।
हालांकि उन्होंने 1998 में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया था। विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद दोबारा वह केंद्रीय राजनीति में लौट गई। कर्नाटक के बेल्लारी से 1999 में उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वह 7 प्रतिशत वोटों से हार गई। सिर्फ 12 दिन के चुनाव प्रचार में उन्हें 358000 वोट मिले थे।
सुषमा स्वराज 2000 में फिर से वह राज्यसभा सांसद चुनी गई और उन्हें एक बार फिर सूचना प्रसारण मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। मई 2004 तक उन्होंने सरकार के रहने तक ये पद संभाला। 2009 में भी मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद चुनी गई थी। इस दौरान वह राज्यसभा में प्रतिपक्ष की उपनेता थी। बाद में विदिशा से लोकसभा के लिए चुनी गईं और उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के स्थान पर नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
सुषमा स्वराज को 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री बनाया गया था। पीएम मोदी की विदेश नीति को लागू कराने में उनकी अहम भूमिका रही। संयुक्त राष्ट्र में उनके भाषण की काफी तारीफ हुई थी, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को जमकर खरी-खरी सुनाई थी। वह दुनिया भर में मदद देने के लिए जानी जाती थी। विदेशों में रह रहे भारतीयों को जब कभी भी परेशानी हुई तब-तब सुषमा स्वराज ने मदद का हाथ बढ़ाया।
बता दें कि सुषमा स्वराज का जन्म हरियाणा के अम्बाला कैंट में 14 फरवरी, 1952 को हुआ था। उन्होंने चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली थी। अपने पिता की तरह वे भी आपराधिक मामलों की वकील थी और दिल्ली हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती थी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल से उन्होंने शादी की थी।