भारतीय दूतावास ने फंसे हुए नागरिकों को मानवीय गलियारे का उपयोग करके कीव छोड़ने को कहा
ऑपरेशन गंंगा अभियान भारतीय दूतावास ने फंसे हुए नागरिकों को मानवीय गलियारे का उपयोग करके कीव छोड़ने को कहा
- रक्षा की स्थिति को देखते हुए और अगला मानवीय गलियारा अनिश्चित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कीव में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को फंसे हुए नागरिकों को परिवहन के किसी भी उपलब्ध साधन से मानवीय गलियारे का उपयोग करके राजधानी शहर छोड़ने के लिए कहा है। भारतीय दूतावास की ओर से मंगलवार को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए और अगला मानवीय गलियारा अनिश्चित है, इसलिए उन्हें तुरंत शहर से बाहर निकल जाना चाहिए।
एडवाइजरी में कहा गया है , 8 मार्च, 2022 को 10.00 बजे से यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को निकालने के लिए मानवीय गलियारे की घोषणा की गई है। सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों से आग्रह किया जाता है कि वे इसका उपयोग करें और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों/वाहनों या परिवहन के किसी अन्य उपलब्ध साधन का उपयोग करके बाहर निकलें। एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए अगला मानवीय गलियारा खोलना अनिश्चित है।
यूक्रेन की सरकार ने फंसे हुए विदेशी नागरिकों को उनके देशों में वापस लाने के लिए एक मानवीय गलियारा प्रदान करने के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की है। 7 मार्च को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और उनसे यूक्रेन के युद्धग्रस्त देश में फंसे बाकी भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का अनुरोध किया।
जहां मोदी ने भारतीयों को निकालने में अपनी सरकार का समर्थन करने के लिए जेलेंस्की को धन्यवाद दिया, वहीं उन्होंने पुतिन से सूमी और ओडेसा में फंसे भारतीयों के लिए मानवीय गलियारा प्रदान करने का भी आग्रह किया। इस बीच, सरकारी एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि सूमी इलाके में भारतीय छात्रों को निकालने की योजना तैयार है और बहुत जल्द निकासी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
(आईएएनएस)