भारतीय और सऊदी सेना प्रमुखों ने सैन्य सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की

रक्षा एवं सैन्य संबंध भारतीय और सऊदी सेना प्रमुखों ने सैन्य सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-15 15:00 GMT
भारतीय और सऊदी सेना प्रमुखों ने सैन्य सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की
हाईलाइट
  • लेफ्टिनेंट जनरल फहद अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ
  • दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना और रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज के प्रमुखों ने यहां मंगलवार को सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

बयान के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल-मुतैर से द्विपक्षीय रक्षा एवं सैन्य संबंधों को प्रगाढ़ करने को लेकर वार्ता की।

लेफ्टिनेंट जनरल फहद अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं, जो रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज कमांडर की पहली यात्रा है।

लेफ्टिनेंट जनरल अल मुतैर को वार्ता से पहले साउथ ब्लॉक मैदान में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। उनकी अगवानी भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने की।

इसके बाद दोनों सेना प्रमुखों ने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय चर्चा की और उन्हें सुरक्षा पहलुओं और उन क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी गई, जहां कार्यकलापों (इंगेजमेंट) को बढ़ाया और गहरा किया जा सकता है। विचार-विमर्श का उद्देश्य द्विपक्षीय कोर्सेस को बढ़ाना देना भी है।

बैठक के दौरान, आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने एक प्रस्तुति दी, जिसमें भारतीय रक्षा उद्योग के भीतर वर्तमान क्षमता और दक्षताओं को शामिल किया गया है। इसमें स्वदेशी रूप से विकसित सिस्टम शामिल हैं, जिनका मूल्यांकन भारतीय सेना द्वारा शामिल किया गया है, जिसमें तोपखाने, विशेषज्ञ वाहन, ड्रोन, काउंटर ड्रोन, हेलीकॉप्टर और मिसाइल शामिल हैं।

भारतीय सेना के अधिकारियों ने सऊदी सैन्य अधिकारियों को नीतिगत पहलों और भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रावधानों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत में उद्योग के साथ मिलकर स्टार्ट अप इकोसिस्टम को सुगम बनाया जा रहा है।

मेहमान प्रतिनिधियों को यह भी बताया गया कि भारत सरकार निजी क्षेत्र द्वारा बड़े निवेश की तलाश कर रही है और रक्षा अनुसंधान और विकास को उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षा के लिए खोल दिया गया है, जिसमें 25 प्रतिशत रक्षा अनुसंधान और विकास बजट इस उद्देश्य के लिए निर्धारित किया गया है।

प्रतिनिधियों को सशस्त्र बलों द्वारा स्टार्ट अप और शिक्षा जगत के साथ मिलकर विकसित की जा रही विभिन्न विशिष्ट तकनीकों के बारे में भी अवगत कराया गया। उन्होंने सऊदी लैंड फोर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय उद्योग के साथ संभव सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि व्यापार करने में आसानी के लिए सरकार की अन्य पहलों पर भी चर्चा की गई है।

लेफ्टिनेंट जनरल अल-मुतायर ने नेशनल डिफेंस कॉलेज का भी दौरा किया, जहां उनकी मुलाकात एक सऊदी छात्र से हुई।

भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, भारत और सऊदी अरब के बीच संबंध आर्थिक समृद्धि में साझा हितों, आतंकवाद के संकट को खत्म करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के कारण बढ़े हैं। रक्षा कूटनीति समग्र संबंधों के प्रमुख सिद्धांतों में से एक है।

जनरल नरवणे ने दिसंबर 2020 में सऊदी अरब का एक ऐतिहासिक दौरा किया था। यह किसी भारतीय सेना प्रमुख का पहला सऊदी अरब का दौरा था।

लेफ्टिनेंट जनरल अल-मुतैर बुधवार को लौटेंगे।

(आईएएनएस)

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