अयोध्या विवाद नहीं सुलझा, तो सीरिया बन जाएगा भारत : श्रीश्री रवि शंकर
अयोध्या विवाद नहीं सुलझा, तो सीरिया बन जाएगा भारत : श्रीश्री रवि शंकर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या विवाद को लेकर आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्रीश्री रविशंकर ने सोमवार को कहा कि अगर राम मंदिर के मसले को जल्द से जल्द नहीं सुलझाया गया, तो भारत भी सीरिया की तरह ही बन जाएगा। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में श्रीश्री ने कहा कि "अयोध्या मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है, इसलिए उन्हें इस जगह से अपना दावा छोड़ देना चाहिए।" उन्होंने ये भी कहा कि अयोध्या विवाद को कोर्ट के बाहर ही सुलझाया जाना चाहिए। बता दें कि हाल ही में श्रीश्री ने कहा था कि अयोध्या में जल्द ही भव्य राम मंदिर बनेगा। हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। सिर्फ कुछ सियासी लोग ही इसका विरोध कर रहे हैं।
अयोध्या में मुस्लिमों का हक नहीं : श्रीश्री
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि "अगर अयोध्या विवाद का हल जल्दी नहीं निकाला गया तो भारत भी सीरिया बन जाएगा।" उन्होंने कहा कि "अयोध्या में मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है। इसलिए उन्हें यहां से अपना दावा छोड़कर मिसाल पेश करनी चाहिए और इस्लाम भी विवादित जमीन पर इबाबत करने की इजाजत नहीं देता।" श्रीश्री ने इस मसले को कोर्ट के बाहर सुलझाने पर जोर देते हुए कहा कि "फैसला कोर्ट से आया तो भी कोई राजी नहीं होगा, क्योंकि कोर्ट से फैसला होगा तो किसी एक की हार होगी। ऐसे में हारा हुआ पक्ष अभी तो मान जाएगा लेकिन कुछ समय बाद फिर विवाद शुरू होगा। जो समाज के लिए अच्छा नहीं होगा।"
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भगवान राम दूसरी जगह पैदा नहीं हो सकते
इसके आगे चैनल से बात करते हुए श्रीश्री ने कहा कि "कुछ लोग उनकी इस कोशिश की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि वो लोग विवाद को बढ़ाना चाहते हैं। मंदिर स्थल पर हॉस्पिटल बनाने का सुझाव भी बेवकूफी भरा है और भगवान राम को दूसरी जगह पर पैदा नहीं किया जा सकता।" उन्होंने AIMPLB से निकाले गए मौलाना सलमान नदवी का बचाव करते हुए कहा कि "उन्होंने अयोध्या विवाद को कोर्ट से बाहर सुलझाने की पहल की थी, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उनके सुझावों को खारिज करते हुए उन्हें बोर्ड से निकाल दिया।"
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सौहार्द से बनना चाहिए मंदिर
इससे पहले वाराणसी में संत समागम में शामिल होने पहुंचे श्रीश्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि "कोर्ट में किसी की हार होगी तो किसी की जीत। सैकड़ों साल बाद भी कोई अपनी हार स्वीकार नहीं करेगा और फिर से तोड़-फोड़ होगी। 1 एकड़ से भी कम जमीन की बात है। मुसलमान जमीन हिंदुओं को दे दें और हिंदू भी जमीन मुसलमानों को दे देंगे तो सौहार्द से ये काम हो जाएगा। संघर्ष से और लड़ाई से कोई काम अच्छा नहीं होता।" उन्होंने आगे कहा था कि "कोर्ट के कहने पर तो मंदिर बन सकता है, लेकिन सौहार्द से बनना चाहिए। कुछ सियासी लोग विरोध कर रहे हैं। उनके धर्मग्रंथ में भी ये बात सामने निकलकर आई है कि मस्जिद कहीं और बनाई जा सकती है। मगर ये जो स्थान है, वो 100 करोड़ लोगों की भावना का स्थान है। लोगों की भावना का सम्मान करें। हालांकि, कुछ दुर्योधन भी हैं जो नहीं चाहते कि सौहार्द बने।"
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अयोध्या को लेकर क्या है विवाद?
अयोध्या विवाद देश का ऐसा विवाद है, जिस पर राजनीति भी होती रही है और सांप्रदायिक हिंसा भी भड़की है। हिंदू पक्ष ये दावा करता है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है और इस जगह पर पहले राम मंदिर हुआ करता था। जिसे बाबर के सेनापति मीर बांकी ने 1528 में तोड़कर यहां पर मस्जिद बना दी थी। तभी से हिंदू-मुस्लिम के बीच इस जगह को लेकर विवाद चलता रहा है। अयोध्या विवाद ने 1989 के बाद से तूल पकड़ा और 6 दिसंबर 1992 को हिंदू संगठनों ने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बनी विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। जिसके बाद ये मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया और अब सुप्रीम कोर्ट में है।
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14 मार्च को होगी अगली सुनवाई
अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस केस में पहले सभी मुख्य पक्षकारों की दलील सुनी जाएगी, उसके बाद दूसरी पिटीशंस पर सुनवाई होगी। इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा ने कहा कि इस मामले को सिर्फ एक जमीन विवाद की तरह ही देखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 2 हफ्ते के अंदर सभी डॉक्यूमेंट्स तैयार करने को कहा है और इसी के साथ अब इस मामले की सुनवाई अब 14 मार्च को की जाएगी।