सीमा विवाद: लद्दाख में झड़प के बाद भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता, डोभाल ने भी की हालात की समीक्षा, रक्षा मंत्री की CDS रावत के साथ बैठक
सीमा विवाद: लद्दाख में झड़प के बाद भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता, डोभाल ने भी की हालात की समीक्षा, रक्षा मंत्री की CDS रावत के साथ बैठक
- NSA अजीत डोभाल ने शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की
- लद्दाख में भारत-चीन के जवानों के बीच झड़प से सीमा पर बढ़ा तनाव
- विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास भारत-चीन के जवानों के बीच हुई ताजा झड़प के बाद फिर से हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। विवाद को हल करने के लिए भारतीय और चीनी सेना के बीत आज मंगलवार को चुशुल में तीसरे दौर की बातचीत जारी है। दोनों देशों के बीच यह तीसरी बार ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत हो रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भी शीर्ष अधिकारियों के साथ भारत-चीन सीमा पर स्थिति की समीक्षा की। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भारत-चीन विवाद को लेकर विदेश मंत्री और CDS जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की।
NSA Ajit Doval, along with top officials, reviewed the situation at India-China border. Defence Minister likely to call another high level meeting later today: Sources
— ANI (@ANI) September 1, 2020
दरअसल चीनी सेना ने 29-30 अगस्त की रात को भारत में घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनके इस प्रयास को नाकाम कर सीमा पार खदेड़ दिया। हालांकि चीन इस बार भी लगातार घुसपैठ की बात मानने से इनकार कर रहा है। पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर तीन विवादास्पद प्वाइंट विचार-विमर्श का एजेंडा हैं। भारत ने ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप के पास के इलाकों में चीनी सेना की तैनाती को लेकर भी चिंता जताई है। भारतीय सैनिकों ने पहाड़ी चोटियों को अपने अधिकार में ले लिया है और चीनी चाहते हैं कि वे पीछे हट जाएं। दोनों पक्षों के बीच सोमवार को भी पांच घंटे तक बातचीत हुई थी।
करीब 450 सैनिकों के साथ चीन ने की घुसपैठ की कोशिश
भारतीय और चीनी सेना के बीच पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर झड़प हुई थी, जहां चीनी करीब 450 सैनिक लेकर आए और यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय सेना ने चीन के इस प्रयास को विफल कर दिया। सूत्रों ने कहा, चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने रस्सियों और अन्य चढ़ाई उपकरणों की मदद से पैंगोंग झील के दक्षिण तट पर ब्लैक टॉप और ठाकुंग हाइट्स के बीच एक टेबल-टॉप एरिया पर चढ़ना शुरू किया। हल्ला-गुल्ला सुनकर भारतीय सेना सतर्क हो गई और कार्रवाई में जुट गई।
खुफिया एजेंसियों ने भी भारतीय सेना को किया था सतर्क
इससे पहले, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भारतीय सेना को एलएसी के साथ अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने की पीएलए की योजना के बारे में सतर्क किया था। इसके बाद, दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं लेकिन चीजें आगे नहीं बढ़ीं। जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की ताकत देखी, तो झड़पें रुक गईं। एक सूत्र ने कहा, दोनों देशों की सेनाएं अब भी आमने-सामने खड़ी हैं। सेनाओं को इलाके से पीछे हटाने के लिए चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय फ्लैग मीटिंग हो रही है। भारतीय सेना ने हालांकि, झड़प की बात से इनकार किया है।
राजनयिक वार्ता में हुई सहमति का चीन ने किया उल्लंघन
भारतीय सेना ने अपने एक बयान में कहा, 29-30 अगस्त की मध्यरात्रि को पीएलए के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक वार्ता में पूर्व में हुई सहमति का उल्लंघन किया और यथास्थिति बदलने की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने पैंगोग झील के दक्षिणी तट पर चीनी सेना की कोशिश को नाकाम कर दिया भारतीय सेना ने यह भी कहा कि, वो बातचीत के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी समान रूप से दृढ़ है। वहीं चीन ने सोमवार को कहा कि, उनके सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया।