यूक्रेन युद्ध के बीच एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर भारत लौट छात्रों ने शुरू की भूख हड़ताल, केंद्र सरकार के सामने रखी ये मांग
रूस-यूक्रेन युद्ध यूक्रेन युद्ध के बीच एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर भारत लौट छात्रों ने शुरू की भूख हड़ताल, केंद्र सरकार के सामने रखी ये मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यू्क्रेन और रूस युद्ध के बीच एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर भारत लौटे छात्र सरकार से अपनी मांग के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। छात्रों का कहना है कि उन्हें यूक्रेन से लौटे हुए करीब पांच माह हो रहा है लेकिन क्रेंद्र सरकार ने देश के किसी मेडिकल कॉलेज में उनकी शिक्षा जारी रखने की मांग पूरी नहीं की है। छात्रों ने इन्हीं वजहों से नाराज होकर 23 जुलाई से दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
छात्रों के समर्थन में उतरीं विपक्षी पार्टियां
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत सरकार ने वहां फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया था। इस ऑपरेशन के तहत सभी छात्रों को सुरक्षित निकाला गया था जबकि एक भारतीय छात्र का निधन भी हो गया था। अब मेडिकल के सभी छात्र अपनी अधर में लटकी शिक्षा को लेकर काफी परेशान है। अपनी मांग पूरी होती न देख छात्र रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। बताया जा रहा है कि प्रमुख विपक्षी दल के बड़े नेता छात्रों से मिलने पहुंच सकते हैं।
वहीं छात्रों के इस भूख हड़ताल का कांग्रेस, एनएसयूआई व आम आदमी पार्टी ने समर्थन किया है। खबर ये भी है कि जल्द ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तारिक अनवर, राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक और आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह समेत विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों से मुलाकात करेंगे।
मानसून की वजह से छात्रों के लिए वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था की गई है। दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर से करीब 500 छात्र-छात्राएं व उनके परिजन पहुंच रहे हैं। ये वही छात्र हैं जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे और युद्ध शुरू होने के बाद वहां से पढ़ाई छोड़कर वतन वापस आ चुके हैं।
पीएयूएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कही ये बात
पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन एमबीबीएस स्टूडेंट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरबी गुप्ता के मुताबिक, दिल्ली के रामलीला मैदान में 23 जुलाई शनिवार से शुरू हुई भूख हड़ताल 27 जुलाई तक चलेगी। इस आंदोलन में करीब देशभर के कई हिस्सों से सैकड़ों छात्र व उनके परिजन पहुंचेंगे।
अगर केंद्र सरकार इन छात्रों की मांगे नहीं मानती है तो यह भूख हड़ताल और आगे तक चलता रहेगा। पीएयूएमएस महासचिव के मुताबिक, यूक्रेन से 14 मेडिकल स्टूडेंट्स भारत वापस हुए हैं। भारत सरकार से वे सभी अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने की मांग कर रहे हैं।
छात्रों ने लिखी चिट्ठी फिर भी जवाब नहीं
बताया जा रहा है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों ने अपनी समस्याओं को लेकर कई बार पीएमओ और कई सांसदों को पत्र लिखा है। लेकिन सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिसके बाद छात्र मजबूर होकर शांतिपूर्वक स्वास्थ्य मंत्रालय, एनएमसी, जंतर मंतर व जनपद मुख्यलायों पर विरोध प्रदर्शन भी किया। फिर केंद्र सरकार की तरफ से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।