अरुणाचल प्रदेश के कुछ जगहों के नाम मामले में विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा भारत और चीन को आपस में निकालना पड़ेगा हल
अमेरिका के समर्थन पर बागची का बयान अरुणाचल प्रदेश के कुछ जगहों के नाम मामले में विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा भारत और चीन को आपस में निकालना पड़ेगा हल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के कुछ जगहों के नाम चीन द्वारा बदलने की कोशिश की गई है। इस पर भारत के पक्ष में अमेरिका ने साथ देते हुए चीन का विरोध किया। अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर अमेरिका द्वारा भारत को समर्थन पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इसका हल भारत और चीन को आपस में निकालना पड़ेगा। अगर कोई हमारा समर्थन करता है तो अच्छी बात है। उनके समर्थन करने ना करने से हमारा कुछ नहीं बदलेगा।
#WATCH अरुणाचल प्रदेश के कुछ जगहों के नाम चीन द्वारा बदलने की कोशिश की गई है। इसका हल भारत और चीन को आपस में निकालना पड़ेगा। अगर कोई हमारा समर्थन करता है तो अच्छी बात है। उनके समर्थन करने ना करने से हमारा कुछ नहीं बदलेगा: अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर अमेरिका द्वारा भारत को समर्थन… pic.twitter.com/PZm3IhIO7m
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 6, 2023
Arunachal Pradesh is an inalienable part of India: MEA on China's attempt to rename places in state
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— ANI Digital (@ani_digital) April 6, 2023
चीन हमेशा भारत विरोधी बयानों के लिए सुर्खियों में बना रहता है, लद्दाख मुद्दे के साथ चीन विवाद सुलझा नहीं था कि चीन ने अरूणाचल प्रदेश को लेकर विवाद छेड़ दिया है। अरूणाचल प्रदेश की कुछ जगह के नाम बदलने से पहले चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भी विवादित बयान दिया । उन्होंने कहा है कि चीन अवैध रूप से बने तथाकथित अरूणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता है, गौरतलब है कि चीन अरूणाचल प्रदेश पर अपना हिस्सा दावा पेश करते हुए उसे दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। चीन की ओर से दिए गए विवाविद बयान के बाद भारत ने करारा जवाब दिया। भारत ने चीनी बयानों को अस्वीकार करते हुए अरूणाचल प्रदेश को भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा बताया। जहां भारत के नेता नियमित रूप से यात्रा करते हैं। लेकिन चीन अपनी हरकत से बाज नही आता।
अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन समय-समय पर गलत बयान देता रहता है। इस बार ड्रैगन ने नाकाम हरकत करते हुए अरुणाचल से जुड़ी जगहों का नाम अपने नक्शे में बदला है। हालांकि नामों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई खास तवज्जों न देते हुए। इसे सिरे से खारिज किया और चीन की इस कोशिश को नाकाम बताया। चीन की इस हरकत पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका भारतीय क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश पर दावा करने के चीन के प्रयासों का "दृढ़ता से विरोध" करता है।
इससे पहले चीन की नाकाम कोशिश पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह की कोशिश की है। उन्होंने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न, अविच्छेद्य अंग है। नाम वास्तविकता को नहीं बदलेगा। बीते छह सालों में ये तीसरी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम बदले हैं। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन ने जिन जगहों के नाम बदलने या 'मान्यता' देने का फैसला किया है उसमें अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के पास की एक जगह भी शामिल है।
आपको बता दें चीन ने 1अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 जगहों के नाम बदले और अरूणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान' बताता है। बदले गए नामों की सूची में दो रिहाइशी इलाक़े, पांच पर्वत चोटियां, दो नदियां और दो अन्य इलाक़े शामिल हैं। सूची के साथ ड्रैगन ने मैप भी जारी किया।