अलवर में मंदिर तोड़ने जाने के मामले में एसडीएम पर गिरी गाज, गहलोत सरकार ने इन अधिकारियों को भी किया सस्पेंड
मंदिर पर बुलडोजर मामला अलवर में मंदिर तोड़ने जाने के मामले में एसडीएम पर गिरी गाज, गहलोत सरकार ने इन अधिकारियों को भी किया सस्पेंड
- अलवर में हुई घटना की जांच कमिश्नर रोहिताश्व कुमार कर रहे
- राजगढ़ एसडीएम केशव मीणा हुए सस्पेंड
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान के अलवर में मंदिर तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ने के बाद अशोक गहलोत सरकार ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए राजगढ़ एसडीएम केशव मीणा और नगर पालिका के एग्जिक्यूटिव ऑफिसर बनवारी लाल मीणा को भी सस्पेंड कर दिया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर गहलोत सरकार ने जांच के भी आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि घटना में राजगढ़ एसडीएम मीणा की भूमिका की भी जांच की बात कही जा रही थी।
गहलोत सरकार पूरे एक्शन के मूड में है। सस्पेंशन की तलवार से अलवर बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहरिया भी नहीं बच सके। हालांकि बीजेपी उनके पक्ष में बचाव करती दिख रही थी कि उन्होंने राजगढ़ मंदिरों को गिराने के फैसले को मंजूरी नहीं दी थी। गहलोत सरकार ने दुहरिया को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है।
इन अधिकारियों से कराई जा रही जांच
अलवर में हुई पूरी घटना की जांच बीड़ा के कमिश्नर रोहिताश्व कुमार कर रहे हैं। गौरतलब है कि रोहिताश्व भिवाड़ी इंटीग्रेटेड विकास प्राधिकरण के कमिश्नर हैं। गहलोत सरकार की तरफ से रोहिताश्व कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। नगर पालिका के अधिकारियों की जांच डीएलबी जयपुर के डिप्टी डायरेक्टर करेंगे। प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि जल्द ही जांच अधिकारी मौके पहुंचकर जानकारी लेंगे और मंदिरों का पुनर्स्थापन भी कराया जाएगा।
जानें क्या था मामला?
राजस्थान के अलवर में बीते 17 अप्रैल को नगरपालिका प्रशासन ने अतिक्रमण वाले स्थानों को चिहिंत कर 35 अतिक्रमण हटाए थे। जिनमें 300 साल पुरान शिव मंदिर भी शामिल था। जिस पर बुलडोजर चला था। इसके साथ ही आस-पास के घरों को भी अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया था। बुलडोजर चलने के बाद कई मूर्तियां खंडित हो गई थीं। लोगों का कहना था कि 300 साल पुराने मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। सोशल मीडिया पर बुलडोजर का वीडियो खूब वायरल हुआ, जिससे मंदिर तोड़ा जा रहा था।
कलेक्टर ने कही थी ये बात
अलवर में मंदिर तोड़ने वाला वीडियो वायरल होने के बाद अशोक गहलोत सरकार को विपक्षी दलों ने घेर लिया और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। उधर, प्रशासन की कार्रवाई में 32 मकान और दुकान के अलावा ती मंदिर भी जद में आ गए थे। कलेक्टर ने बताया था कि मंदिर के गर्भगृह में किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाई गई है। उसके बाद मूर्तियों को विधि-विधान से हटाया गया है और विधि पूर्वक मूर्तियों की स्थापना भी की जाएगी।
भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरा
इस पूरे घटना को लेकर बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर है। सोमवार को जयपुर में भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मंदिर तोड़े जाने पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। सीकर से भाजपा सांसद स्वामी सुमेंधानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि जब मंदिर में तोड़फोड़ के संबंध में मीटिंग की जा रही थी। तब कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा भी मौजूद थे।
बीजेपी सांसद ने कहा कि गहलोत सरकार को मंदिर में तोड़फोड़ के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनके वैध पट्टे थे, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। सांसद सरस्वती ने घटना में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी अलवर के मुद्दे को भुनाने में पीछे कहां हटने वाली। तो वहीं एसडीएम के ऊपर सख्त कार्रवाई करने के बाद गहलोत सरकार ने साफ स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी आरोपी बचेगा नहीं।