गश्ती जहाजों के निर्माण में एचएसएल की अक्षमता से 200 करोड़ रुपये का नुकसान: कैग
नई दिल्ली गश्ती जहाजों के निर्माण में एचएसएल की अक्षमता से 200 करोड़ रुपये का नुकसान: कैग
- अनुबंध के अकुशल निष्पादन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) के भारतीय तटरक्षक बल के लिए पांच तटवर्ती गश्ती जहाजों (इनशोर पेट्रोल वेसल्स) के निर्माण के अनुबंध के अप्रभावी क्रियान्वयन के कारण 200.43 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। संसद में बुधवार को पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम ने मार्च 2006 में, 231.19 करोड़ रुपये की कुल लागत पर पांच इनशोर पेट्रोल वेसल्स (आईपीवी) के निर्माण और वितरण के लिए तटरक्षक बल के साथ एक अनुबंध किया था। अनुबंध के अनुसार, जहाजों को मार्च 2008 और मार्च 2009 के बीच सुपुर्द किया जाना था, लेकिन इन्हें जनवरी 2012 से मई 2018 तक वितरित किया जा सका।
लेखापरीक्षा या ऑडिट में देखा गया है कि अनुबंध की शर्तों के बारे में, एचएसएल ने निर्माण सामग्री के वजन की निगरानी नहीं की, जिसके परिणामस्वरूप जहाजों के वजन में वृद्धि हुई, जिससे उनकी गति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और उच्च गति वाले गश्ती जहाजों के रूप में उनकी उपयोगिता कम हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, अनुबंध के अकुशल निष्पादन के परिणामस्वरूप सामग्री लागत, श्रम लागत, प्रत्यक्ष व्यय और ओवरहेड्स में वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप परियोजना के निष्पादन में एचएसएल को कुल 200.43 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, भारतीय तटरक्षक बल को समय पर तटवर्ती गश्ती जहाजों की अनुपलब्धता ने भी तटीय क्षेत्रों की निगरानी गश्त को प्रभावित किया है।
हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत, पनडुब्बी निर्माण और मरम्मत के साथ-साथ अत्याधुनिक अपतटीय और तटवर्ती संरचनाओं के डिजाइन और निर्माण की जरूरतों को पूरा करने वाला देश का प्रमुख जहाज निर्माण संगठन है। सीधी समुद्री पहुंच, उत्कृष्ट अवसंरचना, कुशल कार्यबल, 200 जहाजों के निर्माण के साथ वर्षों से संजोई गई समृद्ध विशेषज्ञता, 5 पनडुब्बियों की मरम्मत और विभिन्न प्रकार के 2,000 जहाजों की मरम्मत एचएसएल को रक्षा और समुद्री क्षेत्रों के लिए सक्षम सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाती हैं।
(आईएएनएस)