आतंकी मसूद अजहर पर लगेगा प्रतिबंध, संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएगा फ्रांस

आतंकी मसूद अजहर पर लगेगा प्रतिबंध, संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएगा फ्रांस

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-19 18:11 GMT
हाईलाइट
  • आतंकी मसूद अजहर को पूर्ण प्रतिबंधित करने के लिए फ्रांस ने प्रपोजल तैयार किया है।
  • फ्रांस इस प्रपोजल को संयुक्त राष्ट्र में लेकर आएगा।
  • फ्रांस सरकार के सूत्रों के हवाले से ये बात सामने आ रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया के बड़े देशों ने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था। अब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और भारत में कई हमलों के जिम्मेदार मसूद अजहर को पूर्ण प्रतिबंधित करने के लिए फ्रांस ने प्रपोजल तैयार किया है जिसे वह संयुक्त राष्ट्र में लेकर आएगा। फ्रांस सरकार के सूत्रों के हवाले से ये बात सामने आ रही है।

फ्रांस सरकार के एक सूत्र ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि मसूद अजहर को आतंकी लिस्ट में शामिल करने की मांग को लेकर फ्रांस अगले एक दो दिन में  संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव देगा। सूत्र बताते हैं कि फ्रांस के इस प्रस्ताव को लेकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार फिलिप एतिन के बीच मंगलवार सुबह चर्चा भी हुई है। यह दूसरा मौका होगा जब फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में ऐसे किसी प्रस्ताव के लिए पक्ष बनेगा। इससे पहले 2017 में अमेरिका ने यूके के समर्थन से यूएन के सेक्शन कमेटी 1267 के तहत पाकिस्तानी आतंकी संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग की थी। उस समय चीन ने इस प्रस्ताव को रोक दिया था।

बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश के इस आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। मसूद अजहर को 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद भारत को रिहा करना पड़ा था। तब भारत की मजबूरी थी क्योंकि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के 178 यात्रियों को सही सलामत आतंकियों के कब्जे से छुड़ाना था। मसूद अजहर छूट तो गया था, लेकिन उसके बाद मसूद अजहर ने भारत के खिलाफ जो जंग छेड़ी वो आज तक खत्म नहीं हुई है।

भारत के चंगुल से छूटते ही मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद बनाया और दो साल में ही मसूद अजहर ने 2001 में संसद पर हमला करके एहसास कराया कि उसे छोड़ना कितनी बड़ी भूल थी। संसद हमले के बाद मसूद ने इसी साल भारत के खिलाफ नए सिरे से आतंकी हमले को अंजाम देना शुरू किया। पठानकोट एयरबेस पर हमला मसूद के आतंकियों ने किया। 7 महीने के बाद फिर मसूद ने उरी में सेना मुख्यालय पर हमला करके खुद को भारत का दुश्मन नंबर एक साबित कर दिया है। 

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