नजरबंदी के बाद पहली बार उमर, फारूक से मिला पार्टी डेलिगेशन, चुनावों पर चर्चा
नजरबंदी के बाद पहली बार उमर, फारूक से मिला पार्टी डेलिगेशन, चुनावों पर चर्चा
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को हिरासत में लिए गए नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। इन दोनों नेताओं को जम्मू और कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के दौरान 5 अगस्त को हिरासत में लिया गया था। जम्मू और कश्मीर सरकार ने प्रतिनिधिमंडल को नेताओं से मिलने की अनुमति दी थी।
प्रतिनिधिमंडल ने दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकों के दौरान राज्य के विकास और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर चर्चा की। पार्टी के जम्मू के प्रांतीय प्रमुख देविंदर सिंह राणा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से हरि निवास पर 30 मिनट तक मुलाकात की। उमर ने इस दौरान पार्टी नेताओं के साथ सेल्फी भी क्लिक की। इसके बाद ये प्रतिनिधिमंडल फारूक अब्दुल्ला से मुलाक्त करने के लिए उनके आवास की तरफ निकल गया।
इस मुलाकात के दौरान फारूक अब्दुल्ला अपने चिरपरिचित हंसमुख अंदाज में नजर आए। फारूक के साथ उनकी पत्नी भी इस दौरान मौजूद रही। प्रतिनिधिमंडल ने फारूक के साथ जम्मू-कश्मीर में मौजूदा परिदृश्य और बीडीसी चुनाव पर चर्चा की। बैठक के बाद, राणा ने संवाददाताओं से कहा कि "जम्मू में राजनीतिक नेताओं पर प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद, हमने एक बैठक की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि हम राज्यपाल (एसपी मलिक) से संपर्क करेंगे, ताकि वे हमें पार्टी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ मुलाकात की अनुमति दें सकें।"
राणा ने कहा "हम खुश हैं कि हमारे दोनों नेता अच्छी तरह से हैं। निश्चित रूप से वे राज्य के घटनाक्रम से पीड़ित हैं।" ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी के चुनावों में पार्टी की भागीदारी के बारे में एक सवाल पर, उन्होंने कहा, "घाटी में पूरी तरह से लॉकडाउन हैं। यदि राजनीतिक गतिविधियां शुरू करनी है तो मुख्यधारा के नेताओं को रिहा करना होगा।" राणा ने कहा कि जब भी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रिहा किया जाएगा उसके बाद पार्टी की वर्किंग कमेटी ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी चुनावों के लड़ने के बारे में फैसले लेगी।