नामीबिया से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आई मादा चीता साशा का हुआ अंतिम संस्कार, प्रोजेक्ट पर उठ रहे है सवाल
मध्यप्रदेश नामीबिया से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आई मादा चीता साशा का हुआ अंतिम संस्कार, प्रोजेक्ट पर उठ रहे है सवाल
- व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नामीबिया से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आई मां चीता साशा की 27 मार्च 2023 को इलाज के दौरान मौत हो गई है। कूनो नेशनल पार्क में आज चीता का अंतिम संस्कार किया गया। चीता की मौत को लेकर टाइगर प्रोजेक्ट पर सवाल उठने लगे है। भले ही चीता की मौत के पीछे की वजह किड़नी में संक्रमण बताया जा रहा है, लेकिन ये सवाल भी उठाया जा रहा है कि नामीबिया जानबूझकर भारत को बीमार चीतों को भेज रहा हैं। हालांकि। चीतों को भारत भेजने से पहले नामीबिया में उन्हें क्वारंटीन किया गया था। कई बार उनका मेडिकल चेकअप हुआ था। कूनो नेशनल पार्क में साशा की मौत के बाद सीसीएफ ने स्पष्ट किया है कि भारत भेजे गए सभी चीतों का व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था। इसमें अल्ट्रासाउंड, ब्लड ड्रॉ और फिजिकल जांच शामिल है।
मादा चीते की मौत ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों को झकझोर दिया है। चीतों की देखभाल में लगी टीम लगातार जांच कर रही है। टीम ने साशा को बचाने के लिए अथक प्रयास किए थे। वहीं, पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि साशा भारत में स्थानांतरित होने से पहले बीमार थीं। सीसीएफ ने कहा कि साशा का किडनी वैल्यू बढ़ा हुआ था लेकिन कोई असामान्यता नहीं पाई गई थी। हालांकि बाद में उसके किडनी का खराब होना, यह चीतों में स्ट्रेस की वजह से आम बात है। सीसीएफ ने नामीबिया से कूनो जंगल में चीतों के स्थानांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।