प्रशासन ने नहीं सुनी तो योगी के मंत्री ने उठाया फावड़ा, समर्थकों के साथ खुद बना डाली सड़क
प्रशासन ने नहीं सुनी तो योगी के मंत्री ने उठाया फावड़ा, समर्थकों के साथ खुद बना डाली सड़क
- 24 जून रविवार को मंत्रीजी के बेटे का रिसेप्शन होना है
- उनके पैतृक घर तक जाने वाली सड़क की हालत बेहद खस्ताहाल है
- मंत्री राजभर ने खुद ही सड़क बनाने की ठान ली।
डिजिटल डेस्क, वाराणसी। उत्तर प्रदेश में प्रशासन की लापरवाही से नाराज योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को खुद कुदाल-फावड़ा उठाकर सड़क बनाने उतरना पड़ा है। दरअसल 24 जून रविवार को मंत्रीजी के बेटे का रिसेप्शन होना है और उनके पैतृक घर तक जाने वाली सड़क की हालत बेहद खस्ताहाल है इसलिए मंत्री राजभर ने खुद ही सड़क बनाने की ठान ली। वो अपने समर्थकों एवं आस-पास के लोगों के साथ मिलकर कुदाल-फावड़ा उठाए सड़क ठीक करने पहुंच गए। गौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सूबे में उनकी पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन है।
मंत्री की गुहार पर प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान
योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कई बार शासन से इलाके में सड़क बनाने की गुहार लगाई लेकिन उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आखिरकार उन्हें खुद ही सड़क बनाने के लिए आगे आना पड़ा। मंत्रीजी के पीआरओ के मुताबिक रविवार को उनके लड़के की शादी का रिशेप्शन है जिसमे यूपी सरकार के कई मंत्रियों और राजनेताओं को आना है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया।
राजभर के बागी तेवर से सरकार भी है नाराज
दरअसल योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर कई बार अपनी ही सरकार और बीजेपी के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। उन्होंने यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे सहित कई दिग्गज नेताओं की आलोचना करते हुए उन पर कई आरोप भी लगाए हैं। इसी वजह से राजभर और अधिकारियों में तनातनी बनी हुई है। राजभर ने यहां तक कह दिया था कि मैं ज्वालामुखी हूं और यदि बीजेपी उसे दबाने की कोशिश करेगी तो मैं उतना ही आगे चलता आऊंगा।
शिवपाल यादव से मुलाकात पर पार्टी खुश नहीं
भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जब बनारस आए तो यूपी के पूर्व लोक निर्माण मंत्री और समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव से उन्होंने वाराणसी के सर्किट हाउस में मुलाकात की। दोनों ने करीब 10 मिनट तक एक बंद कमरे में गुफ्तुगू की। इस मुलाकात की वजह से कई लोगों को लगा कि कहीं दोनों 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की कोई योजना तो नहीं बना रहे। हालांकि ओम प्रकाश ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया लेकिन बीजेपी के नेता इससे नाराज थे।
बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे से बढ़ीं दूरियां
इस मुलाकात के ठीक दूसरे दिन यूपी बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे भी सर्किट हाउस पहुंचे। यहां पर भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर के पहले से मौजूद होने के हाद भी पांडे ने ना तो उनसे मुलाकात की और ना दोनों में किसी तरह की बात हुई। यूपी सरकार में भारतीय समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन है और यही वजह है की योगी सरकार में राजभर को कैबिनेट मंत्री का पद भी दिया। खबरों के मुताबिक उसी दिन जब अजगरा के विधायक कैलाश नाथ सोनकर पर घूस और ठगी का आरोप लगने के बाद बीच सभा में उन्हें महेंद्र नाथ पांडे ने चोर कहा तो ओमप्रकाश राजभर ने भी अपने विधायक के बचाव में यहां तक कह दिया कि माननीय महेंद्र नाथ पांडे जी को मेरे विधायक को छोड़ अपने पार्टी के विधायक और सांसदों पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि वो सरकार में रहते हुए भी धरना प्रदर्शन और विरोध दर्ज कराते हैं, पहले वो अपने विधायक और सांसदों की करतूत देखें उसके बाद कैलाश नाथ सोनकर पर सवाल खड़ा करें।
सरकार के खिलाफ खड़े हुए थे ओमप्रकाश राजभर
ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले के जौराबाद से भारतीय समाज पार्टी और बीजेपी गठबंधन पर चुनाव जीत एमएलए बने थे। पहले तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन निरीक्षण और खामियों को लेकर राजभर और गाजीपुर के जिलाधिकारी के बीच तनातनी हो गई। राजभर ने इस पूरे मामले की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से भी की थी। कार्रवाई में लेट होने से राजभर नाराज हो गए। सरकार में रहते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी की सरकार IAS अधिकारी ही चलाते हैं। इस बयान के बाद ये विवाद बढ़ता रहा और हालत ये हो गई कि कोई भी अधिकारी राजभर की नहीं सुनता।