बावड़ी में मरने वाले लोगों की संख्या 36 पहुंची, गायब हुए लोगों की तलाशी अभी भी जारी

इंदौर का बावड़ी हादसा बावड़ी में मरने वाले लोगों की संख्या 36 पहुंची, गायब हुए लोगों की तलाशी अभी भी जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-31 10:45 GMT
बावड़ी में मरने वाले लोगों की संख्या 36 पहुंची, गायब हुए लोगों की तलाशी अभी भी जारी
हाईलाइट
  • मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 36 पर पहुंच गई है

डिजिटल डेस्क, इंदौर। इंदौर के पटेल नगर स्थित प्राचीन श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के मौके पर बावड़ी (कुंए) की अचानक छत धंसने की घटना में मरने वालों की संख्या 3 दर्जन से भी अधिक हो गई है। घटना के बाद से यह संख्या निरंतर बढ़ी है, ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 36 पर पहुंच गई है। प्रशासन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। 

इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन कुमार ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि हादसे के बाद लापता एक व्यक्ति का शव बावड़ी से निकाला गया है और अब तक बावड़ी से कुल 36 शव निकाले जा चुके हैं। जबकि हादसे में घायल हुए 16 लोगों का इलाज जारी है।

जानकारी के अनुसार, इस हादसे में घायल हुए दो अन्य व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। शर्मा ने बताया कि हादसे के बाद लापता हुए सभी लोगों के शव बावड़ी से निकाले जा चुके हैं, जिनकी गुमशुदगी होने की जानकारी उनके परिजनों ने प्रशासन को दी थी। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि हम अभी बावड़ी में छानबीन कर रहे हैं। हम बावड़ी से पूरी गाद बाहर निकालेंगे, ताकि किसी भी तरह की शंका-कुशंका न रहे। चश्मदीदों के मुताबिक, गुरुवार रात 11:30 बजे कुंए से शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजे जाने का सिलसिला तेज हुआ। सेना और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम को एक क्रेन और ट्रॉली की मदद से नीचे बावड़ी में उतारा गया, ताकि शवों को बाहर निकाला जा सके। 

अधिकारियों ने कही ये बातें

अधिकारियों ने बताया कि मंदिर काफी ज्यादा संकरी जगह पर होने कारण शुरुआत में राहत बचाव कार्य में बाधा आई। राहत बचाव के लिए मंदिर की दीवार को तोड़कर उसके भीतर पाइप डाला गया, जिसके बाद बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रामनवमी के मौके पर मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए मौजूद हुए थे। इस दौरान मंदिर में बने पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। जिसके चलते छत ढह गई और यह बड़ा हादसा हो गया।

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