संसद परिसर में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन, राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस सांसद शामिल
संसद परिसर में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन, राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस सांसद शामिल
- कृषि कानून के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन
- राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस सांसद शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग को लेकर संसद परिसर में किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने पार्टी के कई सांसदों के साथ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
वे असत्य, अन्याय, अहंकार पर अड़े हैं,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 22, 2021
हम सत्याग्रही, निर्भय, एकजुट यहाँ खड़े हैं।
जय किसान!#FarmersParliament pic.twitter.com/y9xGdvgT3T
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी के कई सीमाओं के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार से किसान जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने पहुंच गए हैं। किसान समूहों ने पहले कहा था कि वे मानसून सत्र के अंत तक हर दिन किसान संसद आयोजित करेंगे, और 200 प्रदर्शनकारी रोजाना जंतर-मंतर पर जाएंगे। डीडीएमए की मंजूरी के अनुसार, किसानों को जंतर मंतर पर 22 जुलाई से 9 अगस्त तक अधिकतम 200 लोगों की उपस्थिति के साथ धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति होगी। डीडीएमए के आदेश के बाद, दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर और दिल्ली की तीन सीमाओं - टिकरी, सिंघू और गाजीपुर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नए कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। pic.twitter.com/oQVVKgmy9b
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2021
आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने कहा, कृषि कानूनों के वापस लेने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है। नरेंद्र सिंह तोमर बयान देते हैं कि हम किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बस वे 3 कानूनों को वापस लेने की बात न करें। तो फिर और क्या बात करें? वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हम किसानों के मुद्दों को सदन में उठा रहे हैं। किसान हमारी रीढ़ की हड्डी है। किसानों के बिना हम जी नहीं सकते। उस आवाज को उठाना ज़रूरी है और हम उठाएंगे।