काशी में एक हजार उपेक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार का अभियान
उत्तर प्रदेश काशी में एक हजार उपेक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार का अभियान
- हमारी काशी
- हमारे देवालय अभियान शुरू
डिजिटल डेस्क, वाराणसी। अखिल भारतीय संत समिति, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री काशी विद्वत परिषद ने स्कंद पुराण के काशी खंड में वर्णित 1,000 उपेक्षित और वीरान मंदिरों की देखभाल के लिए हमारी काशी, हमारे देवालय अभियान शुरू किया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी, अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत स्वामी शंकर पुरी और श्री काशी विद्वत परिषद के महासचिव प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने अभियान की शुरूआत की है। गंगा महासभा के अभियान प्रभारी और महासचिव गोविंद शर्मा ने कहा, वाराणसी में काशी खंड में सूचीबद्ध 1,000 से अधिक मंदिर हैं। अब तक, हमने 40 उपेक्षित मंदिरों की पहचान की है, और आगे की पहचान जारी है।
उन्होंने कहा कि अभियान के पहले चरण में ऐसे 108 मंदिरों को शामिल किया जाएगा और अखिल भारतीय संत समिति पूजा के लिए प्रति माह 2,500 रुपये और सेवा करने वाले पुजारी को मानदेय के रूप में 5,000 रुपये प्रति माह आवंटित करेगी। इस अभियान का संकल्प पिछले साल काशी में सांस्कृतिक संसद में लिया गया था।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महानिरवाणी अखाड़े के महासचिव महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि काशी के उपेक्षित मंदिरों की व्यवस्था की जाएगी और नियमित पूजा, श्रृंगार और आरती की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा, श्री काशी विद्वत परिषद और गंगा महासभा के महासचिवों के नेतृत्व में एक समिति ऐसे मंदिरों का चयन करेगी। वित्तीय प्रबंधन महाननिर्वाणी अखाड़ा द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने श्रद्धालुओं से इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, धर्म की रक्षा और जन जागरूकता के लिए अभियान महत्वपूर्ण है। बाद में, मंदिरों में व्यवस्था की देखभाल के लिए स्थानीय लोगों की 10 सदस्यीय समितियां बनाई जाएंगी। प्रो. द्विवेदी ने कहा, अब योजनाबद्ध व चरणबद्ध तरीके से इसे साकार करने की दिशा में काम शुरू किया जा रहा है।
(आईएएनएस)