खुलासा: मेरठ के बिल्डर ने कमिशन पर बदले 125 करोड़ रुपए की पुरानी नोट
खुलासा: मेरठ के बिल्डर ने कमिशन पर बदले 125 करोड़ रुपए की पुरानी नोट
डिजिटल डेस्क, मेरठ। भारत सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था। दावा किया गया था कि इससे भ्रष्टाचार मिटेगा और कालेधन पर लगाम लगेगी, लेकिन नोटबंदी के लगभग एक साल के बाद कई ऐसे खुलासे हो रहे है जो कहीं न कहीं नोटबंदी को लेकर सवाल खड़े कर रहे है। ताजा मामला मेरठ का है जहां पर पुलिस ने संजीव मित्तल नाम के एक बिल्डर के ऑफिस से 25 करोड़ की पुरानी करंसी बरामद की थी। अब सामने आया है कि कमिशन लेकर ये बिल्डर अब तक करीब 125 करोड़ रुपए की पुरानी करंसी बदलवा चुका है। जब 30 दिसंबर को नोट बदलने की तारीख खत्म हो चुकी थी उसके बाद भी ये करंसी बदली गई है। इस तारीख के बाद केवल NRI को ही नोट बदलने की इजाजत थी।
संजीव मित्तल के ऑफिस से मिले दस्तावेजों और पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई है। बताया जा रहा है कि बिल्डर संजीव मित्तल ने विदेश में लंबे समय से रह रहे भारतीयों से संपर्क साधा गया। उनसे फोन पर ही पूरी डील करके उनके भारत आने-जाने का खर्च संजीव मित्तल और उसके ग्रुप के लोगों ने उठाया। जैसे ही एनआरआई एयरपोर्ट पर उतरा, वैसे ही उसने अपने रुपयों को घोषित कर दिया और इस रुपये को उसके द्वारा आरबीआई की चेस्ट में जमा करा दिया गया।
इस खेल में संजीव मित्तल एनआरआई के आने-जाने के खर्च के अतिरिक्त उसे पांच प्रतिशत कमीशन अलग से देते थे। इस तरह इन लोगों ने 125 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये बदलवा दिए। लेकिन जब एनआरआई खातों से भी नोट बदलने बंद हो गए तो संजीव मित्तल के पास 25 करोड़ रुपये फंस गए। जिन्हें अब वह आरबीआई के किसी अधिकारी के माध्यम से बदलवाने के जुगाड़ में लगा था।
बता दें कि मेरठ के इस बिल्डर के ऑफिस पर छापामार कर पुलिस ने 25 करोड़ रुपए की पुरानी करंसी बरामद की थी। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस फरार बिल्डर संजीव मित्तल की भी तलाश कर रही है।