विपक्ष के सवालों पर भारत बायोटेक के MD बोले, 200% सुरक्षित है कोवैक्सीन, भारतीय कंपनी है इसलिए बनाया जा रहा निशाना
विपक्ष के सवालों पर भारत बायोटेक के MD बोले, 200% सुरक्षित है कोवैक्सीन, भारतीय कंपनी है इसलिए बनाया जा रहा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने वैक्सीन की मंजूरी हड़बड़ी में दी है। वैक्सीन पर चल रही सियासत के बीच भारत बायोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा एल्ला का बयान सामने आया है। एल्ला ने कहा कि कुछ लोग हमारी वैक्सीन के बारे में केवल गॉसिप कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमारे पास वैक्सीन बनाने का अनुभव है।
डॉ. एल्ला ने कहा, ICMR के साथ मिलकर हमने इसे तैयार किया है और ये 200% सुरक्षित है। ट्रायल्स में 10% से भी कम साइड इफेक्ट देखने को मिला है, जबकि दूसरी वैक्सीन के 60 से 70% साइड इफेक्ट हैं। एल्ला ने कहा, हम केवल भारत में क्लीनिकल ट्रायल नहीं कर रहे हैं। हमने ब्रिटेन समेत 12 देशों में ट्रायल किए हैं। हम पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और दूसरे देशों में ट्रायल कर रहे हैं। हम केवल भारतीय कंपनी नहीं है, हम वास्तव में एक ग्लोबल कंपनी हैं। उन्होंने कहा, हमने 123 देशों के लिए वैक्सीन बनाई है। इस तरह का अनुभव रखने वाली हमारी कंपनी इकलौती है।"
एल्ला ने कहा, मुझे नहीं पता कि भारतीय कंपनियों को ही हमेशा दुनियाभर के लोग निशाना बनाता हैं। जबकि, इमरजेंसी मेडिकल लाइसेंस जारी करना तो ग्लोबल प्रैक्टिस है। अमेरिका भी कहता है कि अगर आपका इम्युनाइजेशन डेटा अच्छा है तो आपको इमरजेंसी मंजूरी दी जा सकती है। उन्होंने कहा, इबोला वैक्सीन का ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल पूरा नहीं होने के बावजूद WHO ने उसे लाइबेरिया और गीनिया के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
एल्ला ने कहा, कई लोग कह रहे हैं कि हमारे डेटा में पारदर्शिता नहीं बरती गई है। मुझे लगता है कि लोगों को संयम रखना चाहिए और इंटरनेट पर हमने डेटा के संबंध में जो आर्टिकल पब्लिश किए हैं, उन्हें पढ़ना चाहिए। अब तक 70 से ज्यादा आर्टिकल इंटरनेशनल जर्नल्स में पब्लिश हो चुके हैं। उन्होंने कहा, गर्व की बात है कि पूरी दुनिया में केवल हमारे पास BSL-3 प्रोडक्शन सुविधा है। यहां तक कि US के पास भी ये सुविधा नहीं है।