बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में फिर से बवाल, चाकूबाजी और पथराव

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में फिर से बवाल, चाकूबाजी और पथराव

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-06 03:36 GMT
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में फिर से बवाल, चाकूबाजी और पथराव

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर से बवाल हो गया है। शनिवार शाम फिर बीएचयू गेट स्टूडेंट्स के प्रदर्शन का गवाह बना। एक छात्र पर चाकू और कट्टे की बट से हमले के बाद दो हॉस्टल के छात्र आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे पर पथराव किया। बताया जा रहा है कि बीएचयू कैंपस में हिंदी विभाग के पास सुबह परीक्षा देकर लौट रहे एलबीएस हॉस्टल के छात्र आशुतोष मौर्य को कुछ छात्रों ने चाकू माकर घायल कर दिया। उसके पेट और पीठ में गंभीर चोट लगी हैं। हमला करने का आरोप बिरला हॉस्टल के छात्रों पर लगा है। 

 

 

हॉस्टलों की नाकेबंदी

गुरुवार को चीफ प्रॉक्टर की तरफ से लंका थाने में 20 स्टूडेंट्स के खिलाफ ""अटेम्प्ट टू मर्डर"" का केस दर्ज कराया गया था। इस केस में 13 स्टूडेंट्स खिलाफ नामजद एफआईआर है जबकि सात अज्ञात बताए जा रहे हैं। इस घटना के बाद एलबीएस व बिरला हॉस्टल के छात्र आमने-सामने होने पर एक-दूसरे पर पथराव करने लगे। घंटे भर तक दोनों तरफ से पत्थर चलते रहे। बवाल की सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने दोनों हॉस्टलों की नाकेबंदी की, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आ सकी। पुलिस व पीएसी कैंपस में तैनात कर दी गई है। घायल छात्र आशुतोष की तहरीर पर पांच छात्रों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। इस बीच घायल छात्र के समर्थकों ने बीएचयू प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द हमलावर गिरफ्तार नहीं हुए तो चक्का जाम किया जाएगा।

 

फीमेल स्टूडेंट्स ने भी दिया धरना

वहीं दूसरी तरफ महिला महाविद्यालय के गेट पर फीमेल स्टूडेंट्स ने भी धरना दिया। वे चीफ प्रॉक्टर से माफ़ी और उनके इस्तीफे की मांग कर रहीं थीं। उनका कहना था कि चीफ प्रॉक्टर ने गलतबयानी की है और स्टूडेंट्स को बदनाम करने की कोशिश की है। स्टूडेंट्स चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी हुई। एक वर्ष पहले छेड़खानी और स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट का मुद्दा एक बार फिर उठ गया। स्टूडेंट्स ने "हम लेकर रहेंगे आजादी" के नारे लगाए।

 

 

चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह की इस्तीफे की मांग

दरअसल, रोयाना सिंह ने एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि पिछले साल हुए प्रदर्शन को बाहरियों ने हाईजैक कर लिया था। उनके मुताबिक़ प्रदर्शन के लिए फंडिंग की गई थी। प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स को एक बड़ी गाड़ी से पानी, पिज्जा और कोल्डड्रिंक्स की बोतलें पहुंचाई गईं थीं। इसी बयान से नाराज स्टूडेंट्स रोयाना सिंह की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस मामले में चीफ प्रॉक्टर को घटना और हमले के सबूत देने को कहा गया है। अगर प्रॉक्टर ऑफिस दो-तीन दिन के अंदर लूट, मारपीट, अटेम्प्ट टू मर्डर का कोई सबूत नहीं देता है तो एफआईआर कैंसिल कर दी जाएगी। इसके बाद स्टूडेंट ने देर रात प्रदर्शन समाप्त किया।  


लंका एसओ ने इस मामले में आरोपी विद्यार्थियों को भरोसा दिलाया कि आठ मई तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। इस मामले से जुड़े प्राक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों ने भी कुलपति से मुलाकात की थी। कुलपति प्रो. भटनागर ने छात्राओं से कहा था कि वे अगर निर्दोष हैं तो निश्चिंत रहें। जांच में दोषी पाए जाने पर ही कार्रवाई होगी।
 

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