जलियांवाला बाग हत्याकांड के 101 साल: PM ने कहा- वीरों के बलिदान को हम कभी नहीं भूलेंगे
जलियांवाला बाग हत्याकांड के 101 साल: PM ने कहा- वीरों के बलिदान को हम कभी नहीं भूलेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब के अमृतसर में बैसाखी के अवसर पर हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के आज 101 साल पूरे हो गए। 1919 में आज ही के दिन (13 अप्रैल) जलियांवाला बाग में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी सैनिकों ने बुजुर्गों, महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को गोलियां चलाकर मार डाला था। इस नरसंहार में में कई लोग घायल भी हुए थे। पीएम मोदी ने इस गोलीकांड में जान गंवाने वालों शहीदों को याद कर श्रद्धांजलि दी।
शहीदों की वीरता भारतीयों को आने वाले वर्षों के लिए प्रेरित करेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, उनकी वीरता भारतीयों को हमेशा प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, मैं उन शहीदों को नमन करता हूं, जो इस दिन जलियांवाला बाग में निर्दयता से मारे गए थे। हम उनके साहस और बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। उनकी वीरता भारतीयों को आने वाले वर्षों के लिए प्रेरित करेगी।
I bow to those martyrs who were killed mercilessly in Jallianwala Bagh on this day. We will never forget their courage and sacrifice. Their valour will inspire Indians for the years to come. pic.twitter.com/JgDwAoWkAy
— Narendra Modi (@narendramodi) April 13, 2020
जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के सार्वजनिक उद्यान में हुई घटना को संदर्भित करता है, जब जनरल डायर ने ब्रिटिश सैनिकों को निहत्थे नागरिकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई थी।
पीएम ने बैसाखी और ओड़िया नव वर्ष की बधाई दी, कहा- नए उत्साह का संचार करे यह त्योहार
दो राष्ट्रीय नेता, सत्यपाल और सैफुद्दीन किचले की गिरफ्तारी के विरोध में भीड़ शांतिपूर्वक तरीके से एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर रही थी। तभी जनरल डायर और उसके सैनिकों ने उद्यान में प्रवेश किया, और मशीन गन से गोलियां चला दीं, जिससे पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई, जिसमें सबसे छोटा छह सप्ताह का बच्चा भी शामिल था। ब्रिटिश सरकार ने अंधाधुंध गोलीबारी में 379 लोगों की मौत और 1,200 लोगों की घायल होने की रिपोर्ट दर्ज की, जबकि अन्य स्रोत नरसंहार में 1,000 से अधिक हताहतों की संख्या दर्ज करते हैं।