SSR death: सभी पक्षों ने SC में जमा की लिखित दलील, महाराष्ट्र सरकार ने पटना में दर्ज FIR को राजनीति से प्रेरित बताया

SSR death: सभी पक्षों ने SC में जमा की लिखित दलील, महाराष्ट्र सरकार ने पटना में दर्ज FIR को राजनीति से प्रेरित बताया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-13 15:54 GMT
SSR death: सभी पक्षों ने SC में जमा की लिखित दलील, महाराष्ट्र सरकार ने पटना में दर्ज FIR को राजनीति से प्रेरित बताया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में गुरुवार को सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें जमा की। अब सुप्रीम कोर्ट को फैसला लेना है कि इस मामले की जांच कौन करेगा? सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था और सभी पक्षों को गुरुवार तक अपनी दलीलों पर संक्षिप्त नोट जमा करवाने की अनुमति दी थी। जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।

क्या कहा CBI ने?
केंद्र ने सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जो जवाब दाखिल किया है उसमें कहा है कि मौत की शुरुआती जांच के बाद मुंबई पुलिस को FIR दर्ज करनी चाहिए थी। लेकिन मुंबई पुलिस ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में अब मुंबई में कोई मामला लंबित नहीं है। पुलिस ने बिना किसी कानूनी आधार के 56 लोगों के बयान दर्ज करवाए। अब इसे बता कर कोर्ट में अपनी गंभीरता साबित करने की कोशिश कर रही है। कोर्ट CBI और ED को जांच जारी रखने की अनुमति दे।

क्या कहा बिहार सरकार ने?
बिहार सरकार ने अपने लिखित दलील में कहा कि सिर्फ उन्होंने ही इस केस में FIR दर्ज की है और जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। इसलिए रिया की ट्रांसफर याचिका निष्प्रभावी है और इसे खारिज किया जाए। दलील में कहा गया है, राजनीतिक दबाव में मुंबई पुलिस  FIR दर्ज नहीं कर रही है। मुंबई पुलिस ने जांच में भी बिहार पुलिस का सहयोग नहीं किया। बिहार पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर अपने क्षेत्राधिकार में ये FIR दर्ज की है।

क्या कहा रिया चक्रवर्ती ने?
रिया चक्रवर्ती की दलील में कहा गया है कि पटना में FIR का कोई आधार नहीं था। पटना की कोर्ट को मामले में सुनवाई के अधिकार नहीं है। बिहार की सिफारिश पर जांच CBI को सौंपना गलत है। पटना में दर्ज FIR में जो आशंकाएं जताई गई हैं, उनसे कोई संज्ञेय अपराध की बात भी सामने नहीं आती। बिहार पुलिस इस मामले में ज्यादा से ज्यादा जीरो FIR दर्ज कर सकती थी। उसकी ट्रांसफर याचिका सुनवाई योग्य है।

क्या कहा सुशांत के पिता ने?
सुशांत के पिता ने अपनी दलील में कहा कि उन्हें मुंबई पुलिस की जांच पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। मुंबई पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद भी FIR दर्ज नहीं की। मुंबई पुलिस ने लचर रवैया दिखा कर मामले में शामिल लोगों को सबूत नष्ट करने का मौका दिया। दलील में कहा गया है कि पटना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है। सुशांत के पिता ने यह भी कहा है कि CBI को जांच जाने के बाद मुंबई ट्रांसफर की रिया की मांग निरर्थक हो गई है।

क्या कहा महाराष्ट्र सरकार ने?
महाराष्ट्र सरकार पहले की तरह अभी भी सीबीआई को केस ट्रांसफर करने को लेकर एतराज जता रही है। दलील में कहा गया है कि पटना में दर्ज एफआईआर गैरकानूनी है जिसे गलत मंशा से दाखिल किया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने पटना में दर्ज FIR को राजनीति से प्रेरित बताया। कहा गया कि CBI को केस ट्रांसफर करने का कोई कारण नहीं है। जांच करने का अधिकार सिर्फ मुंबई पुलिस के पास है। FIR के आधार पर जांच CBI को नहीं दी जा सकती।

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