शंकर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

एयर इंडिया पेशाब मामला शंकर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-07 15:30 GMT
शंकर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को शंकर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शंकर मिश्रा पर बीते साल नवंबर में न्यूयॉर्क-नई दिल्ली की फ्लाइट में नशे की हालत में एक बुजुर्ग महिला सह-यात्री पर पेशाब करने का आरोप है। पुलिस ने मिश्रा की तीन दिन की रिमांड के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता कि आरोपी जानबूझकर जांच में शामिल होने से बच रहा था।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने कहा कि अन्य गवाहों से पूछताछ के लिए आरोपी की शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है और उसे पुलिस हिरासत में लिए बिना सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज किए जा सकते हैं। सिर्फ जनता के दबाव के लिए ऐसा मत करो। कानून के अनुसार कार्य करो। आगे की जांच करने के लिए, उड़ान के चालक दल के सदस्यों के बयानों की रिकॉडिर्ंग के दौरान आरोपी की शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है।

बहस के दौरान अदालत ने पुलिस से पूछा कि मिश्रा की पुलिस हिरासत की जरूरत क्यों है। सरकारी वकील ने कहा कि मिश्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सरकारी वकील ने कहा, पुलिस ने मिश्रा को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। मामले की जांच अभी जारी है, क्योंकि पुलिस को बहुत से लोगों से पूछताछ करने की जरूरत है।

हालांकि, जज ने कहा कि चालक दल के सदस्यों और अन्य गवाहों से पूछताछ के लिए मिश्रा की हिरासत की जरूरत नहीं होगी। न्यायाधीश ने कहा, पुलिस हिरासत का कोई आधार नहीं है। इस बीच पुलिस ने यह भी कहा कि केबिन क्रू ने स्थिति को ठीक से नहीं संभाला और इसलिए वे कथित अपराध में भी शामिल हैं।

मिश्रा ने अलग से जमानत याचिका भी दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। जमानत याचिका पर 11 जनवरी को सुनवाई होगी। अदालत ने शिकायतकर्ता की ओर से पेश होने वाले अधिवक्ता को एफआईआर की एक प्रति सौंपने से भी इनकार कर दिया। अदालत ने कहा, हम शिकायतकर्ता के अलावा किसी और को शिकायत की प्रति नहीं देना चाहते हैं।

इससे पहले मिश्रा के वकीलों ने कहा था कि समझौता हो गया है और पीड़ित महिला को मुआवजा दे दिया गया है। मिश्रा के वकीलों द्वारा शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, आरोपी और महिला के बीच व्हाट्सएप संदेशों से साफ पता चलता है कि आरोपी ने 28 नवंबर को पीड़िता के कपड़े और बैग साफ करवाए थे और 30 नवंबर को उन्हें डिलीवर किया गया था।

वकीलों के बयान अनुसार, महिला की लगातार शिकायत केवल एयरलाइन द्वारा भुगतान किए गए मुआवजे के संबंध में थी, जिसके लिए उसने 20 दिसंबर 2022 को बाद में शिकायत की। बयान के अनुसार, मिश्रा ने 28 नवंबर को पेटीएम के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच समझौते के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया था, लेकिन महिला की बेटी ने 19 दिसंबर को पैसे वापस कर दिए थे। आरोपी को देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और वह जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा। आरोपी मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

(आईएएनएस)

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