- आरोपी ने बताया कि उसे फोन पर निर्देश मिले थे कि सीआरपीएफ के काफिले के पास जाकर स्विच दबाना है।
- पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध भी कबूल कर लिया है।
- रामबन के बनिहाल में सीआरपीएफ के काफिले के पास कार में विस्फोट करने वाले आरोपी को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। रामबन के बनिहाल में सीआरपीएफ के काफिले के पास कार में विस्फोट करने वाले आरोपी को पुलिस ने 36 घंटे के भीतर अरेस्ट कर लिया है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध भी कबूल कर लिया है। आरोपी ने बताया कि उसे फोन पर निर्देश मिले थे कि सीआरपीएफ के काफिले के पास जाकर स्विच दबाना है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि 30 मार्च को सुबह लगभग 10:15 बजे विस्फोटकों से भरी एक सैंट्रो कार ने बनिहाल में एक सीआरपीएफ की बस को टक्कर मार दी थी। इस टक्कर में सीआरपीएफ के जवान बाल-बाल बचे थे। सीआरपीएफ का काफिला श्रीनगर से जम्मू की ओर जा रहा था। दिलबाग सिंह ने कहा, आरोपी ओवेस अमीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। ओवेस अमीन शोपियां का रहने वाला है। पूछताछ में ओवेस ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है।
अपनी गिरफ्तारी के बाद रामबन ने अपने कबूलनामे में कहा, "मुझे फोन पर काफिले में विस्फोट करने के लिए कहा गया था। मेरा काम गाड़ी चलाना और स्विच दबाना था। मैंने कार में रहते हुए बटन दबाया। मैं अकेला था जब मैंने इसे अंजाम दिया।" आरोपी से जब पूछा गया कि सीआरपीएफ के काफिले को उड़ाने के निर्देश किसने दिए थे तो उसने कहा- उन लोगों से फोन पर ही बात होती थी, यह नहीं मालूम था कि वो कौन लोग थे।
#WATCH Confession of the accused in the car blast in Banihal, Ramban, after his arrest, today. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/H2ABl6oj8o
— ANI (@ANI) April 1, 2019
ओरोपी पर 307 (हत्या का प्रयास), 120 बी (आपराधिक षड़यंत्र), 121 (युद्ध छेड़ने का प्रयास या युद्ध छेड़ना), 121 ए (अपराध करने की साजिश रचने) और 124 (राजद्रोह) सहित रणबीर दंड संहिता (RPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम की धाराए भी लगाई गई है।
बता दें कि शनिवार को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर जवाहर टनल के पास एक कार में धमाका हुआ था। जिस वक्त यह धमाका हुआ था वहां पास से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का काफिला गुजर रहा था। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई थी। वहीं, कार का ड्राइवर मौके से फरार हो गया था। मामले की शुरुआती जांच में पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश से इनकार किया गया था।
इससे पहले 14 फरवरी को पाकिस्तान की जमीन पर पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों का तबाह कर दिया था।