आज हो सकती है आरुषि के मम्मी-पापा की रिहाई
आज हो सकती है आरुषि के मम्मी-पापा की रिहाई
डिजिटल डेस्क, इलाहाबाद। आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपति की रिहाई आज (शनिवार) हो सकती है। राजेश और नुपुर तलवार के वकील ने कहा है कि शुक्रवार को रिहाई टल गई है लेकिन शनिवार को वे रिमांड मजिस्ट्रेट से रिहाई की अपील करेंगे। इसके लिए गाजियाबाद कोर्ट में कॉपी पेश की जाएगी। गौरतलब है कि शनिवार और रविवार को सीबीआई कोर्ट की छुट्टी है। ऐसे में तलवार दंपति की रिहाई दो दिनों के लिए टल सकती है, इसलिए तलवार दंपति ने छुट्टी के दिन बैठने वाले रिमांड मजिस्ट्रेट से रिहाई की अपील करने का फैसला किया है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरुषि के माता-पिता राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया था। सीबीआई कोर्ट ने 25 नवंबर 2013 को उन्हें उम्रकैद की सजा दी थी।
हाईकोर्ट ने क्या दिया फैसला?
गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस एके मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि CBI की दलील में कोई दम नहीं है। हाईकोर्ट का कहना था कि वारदात के वक्त घर में राजेश और नुपुर तलवार मौजूद थे, इसलिए हत्या इन्हीं लोगों ने की। ये बात साबित नहीं होती। इस केस में कोई ठोस सबूत नहीं है, लिहाजा कोर्ट ने तलवार दंपति को बरी करने का फैसला सुनाया।
ऑर्डर नहीं, तब तक नहीं होगी रिहाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला भले ही तलवार दंपति के पक्ष में सुनाया है, लेकिन उनको रिहाई के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। लीगल प्रोसेस के तहत अब तलवार दंपति के वकील हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी लेकर गाजियाबाद की CBI कोर्ट जाएंगे। इसके बाद CBI कोर्ट एक रिलीज ऑर्डर जारी करेगी, जिसे गाजियाबाद की डासना जेल में देना होगा। उसके बाद ही राजेश और नुपुर तलवार को रिहा किया जाएगा। वहीं इस मामले में डासना जेल के जेलर डी मौर्या ने भी कहा है कि जब तक ऑर्डर नहीं आएगा, तब तक जेल से कोई कार्रवाई नहीं हो सकती।
CBI कोर्ट ने क्या दिया था फैसला?
आरुषि मर्डर केस में CBI की एक टीम ने जांच के बाद कोर्ट में सबूत दिए थे, जिसके बाद CBI कोर्ट ने राजेश और नुपुर तलवार को बेटी आरुषि तलवार और नौकर हेमराज की हत्या का दोषी पाया था। इसके बाद 25 नवंबर 2013 को CBI कोर्ट ने तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से ही तलवार दंपति गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। CBI कोर्ट के इस फैसले को तलवार दंपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद 12 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए राजेश तलवार और नुपुर तलवार को बरी कर दिया।
क्या है आरुषि मर्डर केस?
आरुषि मर्डर केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी। 16 मई 2008 को आरुषि की डेड बॉडी नोएडा के जलवायु विहार इलाके स्थित उसके घर पर मिली थी। इसके अगले ही दिन तलवार दंपति के यहां काम करने वाले नौकर हेमराज की डेड बॉडी भी पड़ोसी की छत से बरामद की गई थी। आरुषि की मौत जिस वक्त हुई, उस समय उसकी उम्र 14 साल थी। इस केस में पुलिस ने राजेश तलवार को गिरफ्तार किया। इसके बाद 29 मई 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस केस की जांच CBI को सौंप दी। CBI की जांच के दौरान तलवार दंपति पर आरुषि और हेमराज की हत्या करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। इसके बाद करीब 5 साल तक सुनवाई चलने के बाद 25 नवंबर 2013 को CBI कोर्ट ने तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई।