धमाकों के बीच निराश हुए हिंदुस्तानी छात्रों का बड़ा बयान, कहा- अच्छा होता हम पर कोई मिसाइल गिर जाती
रूस-यूक्रेन युद्ध - धमाकों के बीच निराश हुए हिंदुस्तानी छात्रों का बड़ा बयान, कहा- अच्छा होता हम पर कोई मिसाइल गिर जाती
- यूक्रेन से 219 छात्रों को लेकर एक विमान जल्द भारत पहुंच जाएगा
डिजिटल डेस्क, अमृतसर। रूस-यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध अभी भी जारी है, उधर रूस बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन यूक्रेनी सेना के आत्मसमर्पण के बाद मगर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने एक वीडियो जारी करते हुए यह साफ कर दिया है कि वो झुकने वाले नहीं है। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी एक बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा है कि युद्ध यूरोप में लौट आया है और एक लंबे युद्ध लिए दुनिया तैयार रहे। इशारा साफ है, यूक्रेन सरेंडर नहीं करने वाला है और अभी और तबाही का सामना करने वाला है क्योंकि रूसी सेना लगभग उनकी राजधानी कीव तक पहुंच चुकी है।
लेकिन इन सबके बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र पिस रहे है। हालांकि, भारतीय सरकार उन्हें एयरलिफ्ट करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। यूक्रेन से 219 छात्रों को लेकर एक विमान जल्द भारत पहुंच जाएगा लेकिन इन तमाम कोशिशों के बीच यूक्रेन से एक दिल दहलाने वाली खबर आ रही है। एक स्टूडेंट ने वीडियो जारी किया है, जिसमें वो काफी बेबस नजर आ रहा है।
उसने कहा, "हम 10 घंटे से फंसे हैं और इस बॉर्डर पर इंतजार रहे हैं। लेकिन, हमें कोई लेने नहीं आया है। ना किसी ने निकाला है। किसी अफसर ने हमसे संपर्क भी नहीं किया है। हम अपने आपको कितना संभालें। अपने जूनियर को संभालते संभालते हम बेबस हो गए हैं। कल दोपहर 2 बजे से निकले हैं। किसी से संपर्क नहीं हो पाया है। इससे अच्छा होता मर जाते हम लोग। वहीं कोई आकर मिसाइल मार देता हमें। मां-बाप भी नहीं हैं यहां पर। कोई पूछने वाला नहीं है। सिर्फ बातें हो रही हैं कि आपके लिए ऑफिसर्स खड़े हैं। लेकिन यहां कोई अफसर नहीं हैं। कैसे निकलेंगे हम?"
इतना कहते ही वह टूट गया और जोर-जोर से रोने लगा।
पेरेंट्स का आरोप, अफसर नहीं मिले
गौरतलब, है कि अमृतसर के कुल 52 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए है, जिनके पेरेंट्स सुबह लिस्ट लेकर डीसी ऑफिस पहुंचे, लेकिन शनिवार होने के कारण डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा मौजूद नहीं थे। ऐसे में पीए ने इन लोगों को एसडीएम से मिलने के लिए कहा, लेकिन एसडीएम भी मौजूद नहीं थे। आखिरकार, मायूस पेरेंट्स मीडिया के सामने दर्द बयां करके लौट गए।
फिर दोपहर को इन्हीं लोगों को फिर से डीसी दफ्तर में बुलाया गया और यूक्रेन में फंसे उनके बच्चों की पूरी जानकारी ली गई।
खारकीव में फंसे है सारे बच्चे
पेरेंट्स को डीसी ऑफिस में डीआरओ से मुलाकात के बाद कंट्रोल रूम में सारी डिटेल लिखवाने के लिए कहा गया। कंट्रोल रूम में अब तक सिर्फ 20 छात्रों की ही डिटेल है जबकि अमृतसर के ही करीब 52 छात्र बताए जा रहे हैं। कंट्रोल रुम से लगातार बच्चों से और उनके माता-पिता से संपर्क किया जा रहा है। पेरेंट्स का कहना है कि अमृतसर के सारे बच्चे खारकीव में ही फंसे हैं।
फ्लाइट तक नहीं पहुंच पा रहे छात्र
24 तारीख को यूक्रेन से अमृतसर लौटी छात्रा युक्ता ने बताया कि पंजाब के ज्यादातर बच्चे यूक्रेन के खारकीव में ही हैं और वहां के कॉलेज के हॉस्टल में बने बंकर में है। फिलहाल, कॉलेज प्रबंधन खाने पीने का इंतजाम कर रहा है।
पेरेंट्स सुबह डीसी दफ्तर यही गुहार लेकर आए थे कि बच्चों से संपर्क किया जाए और उन्हें बताया जाए कि वह खारकीव से पास के एयरबेस में कैसे पहुंचें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से फ्लाइट्स तो चलाई गई हैं लेकिन उन फ्लाइट्स तक छात्रों का खुद से पहुंचना मुश्किल है।