उत्तराखंड मौसम: 97 पुल सेंसिटिव, 84 की मरम्मत का प्रस्ताव, उत्तराखंड में मौसम के येलो अलर्ट के बीच बढ़ा लैंड स्लाइड का खतरा

  • मौसम विभाग का अलर्ट
  • मौसम विभाग की लोगों के लिए चेतावनी
  • उत्तराखंड में करीब 97 सेंसिटिव पुल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-09 12:15 GMT

डिजिटल डेस्क, देहरादून। मौसम विभाग ने सबको सचेत करते हुए कहा है कि पहाड़ों पर जाने से पहले यात्री मौसम की जानकारी जरूर लें। साथ ही पहाड़ों और नदियों के पास जाने से बचें। मौसम विभाग ने किसानों को भी एहतियातन फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कहा है। उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं पहाड़ खिसक रहे हैं तो कहीं रास्ते बंद हैं। लैंडस्लाइड के चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे भी बंद कर दिया है। मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया है कि आज यानी 9 जुलाई को कहीं-कहीं बादल गरजने के साथ-साथ कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना बताई है। मौसम विभाग ने 13 जुलाई तक उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है।

13 जिलों के लिए अलर्ट

मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए बताया है कि पहाड़ों पर बिना मौसम कि जानकारी लिए ना जाएं। पहाड़ों पर सावधानी बरतने की कोशिश करें साथ ही नदी किनारे जाने से बचें। सेंसिटिव लैंडस्लाइड एरिया या नदी के किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की जरूरत है। साथ ही किसानों को भी फसलों को सुरक्षित रखने की चेतावनी भी दी है। स्थिति देखने के लिए आज मुख्यमंत्री धामी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

कई इलाकों में बाढ़ का गहरा असर

आपको बता दें कि पिछले कई दिनों उत्तराखंड के कुमाऊं में जबरदस्त बारिश से चंपावत, उधमसिंह नगर के क्षेत्रों में बारिश ने बहुत कहर बरसाया है। हालांकि, जान का खतरा अभी नहीं आया है लेकिन नदियों की बढ़ोत्तरी से बनबसा, टनकपुर में सबसे ज्यादा असर देखने मिल रहा है। वहीं, उधम सिंह नगर के खटीमा में बारिश ने पूरे शहर को पानी-पानी कर दिया है। अब तक चंपावत पुलिस ने 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।

सेंसिटिव एरियाज पर जेसीबी की तैनाती

सारे इलाकों में पानी भरने के कारण मकान पूरी तरह से पानी से भर गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। इन इलाकों में एसडिआरएफ की कंपनियों को तैनात किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पिछले साल की आपदा से सीख लेते हुए इस बार सेंसिटिव एरियाज पर पहले से ही जेसीबी तैनात कर दी गयी है। पीडब्ल्यूडी सचिव डॉ पंकज पांडेय ने बताया कि रामनगर में स्थित मोहान में अत्यधिक पानी और मलबे से पुल टूट गया है। पुल को पहले भी रिपेयर करवाया गया था लेकिन संवेदनशील स्थिति में नहीं था। अब रास्ते का वैकल्पिक मार्ग बन रहा है।

उत्तराखंड में सेंसिटिव पुल

कोटद्वार में पिछले साल डैमेज हुए मालन नदी के पुल को रिपेयर किया जा रहा है। अन्य पुलों को बनाने में करीब 1 साल का समय लग सकता है। डॉ पांडेय ने जानकारी दी की उत्तराखंड में 97 सेंसिटिव पुल हैं। जिसमें से 84 की मरम्मत करने का प्रस्ताव भेजा है। साथ ही अन्य पुलों की भी जांच की जा रही है। अगर जरूरत पड़ी तो पुल को बंद कर दिया जाएगा। डॉ. पांडेय ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में 200 से ज्यादा लैंडस्लाइड जोन घोषित किये गए हैं। इसके अलावा क्लाउड बर्स्ट और लैंडस्लाइड के चलते सड़कें बह जाती हैं। उनको भी रिपेयर किया जा रहा है या जरूरत के अनुसार नई सड़क बनाई जाती है। वहीं ब्लॉक्ड सड़कों को खोलने के लिए करीब 450 जेसीबी लगाई गईं हैं।

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