आईएएस पूजा खेडकर मामला: तीन साल में पूजा खेडकर की उम्र बढ़ी सिर्फ एक साल, अब उम्र के चक्कर में उलझा आईएएस का मामला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईएएस पूजा खेडकर को लेकर दिन-प्रतिदिन अलग-अलग मामले नजर आ रहे हैं। अब फर्जी मेडिकल और ओबीसी सर्टिफिकेट के बाद एक नया मामला सामने आया है। जिसमें उन्होंने अपनी उम्र के साथ भी छेड़छाड़ की है। इस फर्जीवाड़े को छिपाने के लिए उसने फर्जी नाम की मदद ली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने साल 2020 में कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के परीक्षा में जो डेट ऑफ बर्थ मेंशन की थी। साथ ही, उन्होंने साल 2023 के यूपीएससी के परीक्षा के लिए जो अप्लाई किया था। दोनों आवेदन में पूजा खेडकर की आयु अलग-अलग है। उन्होंने दोनों परीक्षा तीन साल के अंतराल में दिया। लेकिन आवेदन में आयु का अंतर केवल एक ही साल है। पूजा खेडकर कॉमन एडमिशन टेस्ट( कैट) में अपना नाम खेडकर पूजा दिलीप राव के नाम से आवेदन किया था और वहीं, यूपीएससी परीक्षा में नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर है।
खेडकर पर आरोप
दरअसल, साल 2007 में पुणे के एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए पूजा ने मेडिकल सर्टिफिकेट दिया था। जिस सर्टिफिकेट में मानसिक, विकलांगता को दर्शाया नहीं गया था। पुणे में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निर्देशक डॉ. अरविंद भोरे ने इसकी पुष्टि की है। पूजा के खिलाफ अभी जांच चल रही है। पूजा पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी के खातिर फर्जी दिव्यांग और ओबीसी सर्टिफिकेट इस्तेमाल किया था। साथ ही, उन पर पोस्ट का गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने जॉब की जॉइन करने से पहले अपने लिए केबिन और रहने के लिए आवास की मांग कर दी थी। साथ ही, उन्होंने लेटरहेड बनाने के लिए विवाद भी किया था। बताया जा रहा है कि पूजा ने यह सारी मांगे जानबूझकर की थी। बात दें कि, उन्हें पता था कि ट्रेनी आईएएस को 2 साल की ट्रेनिंग के दौरान यह सभी सुविधाएं मुहैया नहीं की जाती है। पूजा खेडकर की दी हुई मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच पुणे पुलिस कर रही है।
पूजा ने विवाद पर पहली बार दी प्रतिक्रिया
पूजा इन सभी विवादों में फंसने के बाद चुप्पी साध ली थी। बाद में उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जांच चल रही है। यह मामला सच है या झूठ है, इसका फैसला कोई मीडिया और पब्लिक नहीं करेगी। समिति की जांच के बाद ही फैसला लिया जाएगा और उस फैसला को सभी को स्वीकार करना होगा। पूजा खेडकर ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने से पहले दोषी कहना गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। साथ ही, उन्होंने कहा कि वह जांच कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेंगी।