बिहार बाढ़: हर साल बिहार में बाढ़ के लिए कोसी, गड़क, बागमती नदी कितना जिम्मेदार? फिर भी सबक क्यों नहीं ले रही राज्य सरकार, जानिए वजह

  • बिहार में लगातार बाढ़ से लोग हो रहे परेशान
  • राज्य के 12 जिले जलमग्न
  • नीतीश कुमार लगातार स्थिति पर बनाए हैं नजर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-01 15:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में बरसात का मौसम आते ही बाढ़ की खबरें तेज हो जाती है। इस वक्त भी देश में बारिश का मौसम अंतिम चरणों में है। जिसकी वजह से कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में देश का एक राज्य भारी बारिश और बाढ़ की समस्याओं की वजह से सुर्खियों में रहता है। वह राज्य है बिहार। इस वक्त भी बिहार की कई नदियां उफान पर हैं। जिस वजह से राज्य के कई जिलों में बाढ़ का संकट बना हुआ है। आपको बता दें, इन नदियों में सबसे उपर आता है कोसी नदी। जिसकी वजह से वहां के कई इलाके जलमग्न हो जाते हैं। साउथ बिहार हर साल ही इस नदी के चलते बाढ़ की समस्या को झेलता है। लेकिन कई लोगों के जहन में यह सवाल उठते हैं कि बिहार में हर साल बाढ़ की समस्या इतनी क्यों बढ़ जाती है? कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि नेपाल की वजह से बिहार में बाढ़ की समस्याएं तेज हो जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं बिहार में बाढ़ के कुछ बड़े कारणों के बारे में...

बिहार में बाढ़ के लिए क्यों जिम्मेदार नेपाल?

सबसे पहले चर्चा करते हैं बिहार में बाढ़ के लिए लोग नेपाल को क्यों जिम्मेदार ठहराते हैं। आपको बता दें, बिहार के कई जिले नेपाल से सटे हुए हैं। इनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं। दरअसल, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, बागमती समेत कई नदियां नेपाल से बहकर बिहार में प्रवेश करती हैं। नेपाल की कुल 7 नदियां कोसी नदी में आकर मिलती है। जिसकी वजह से यहां भयंकर तबाही भरा मंजर हो जाता है। शायद इसलिए कोसी को बिहार का शोक भी कहा जाता है।

बड़े बांध ना होना भी एक बड़ी वजह

कई बड़े जानकारों का मानना है कि कोसी नदी पर कोई बड़े बांध न होने की वजह से बिहार में बाढ़ की वजह से तबाही मचती है। बिहार सरकार और नेपाल के बीच इसे लेकर कई बार चर्चा हो चुकी है। लेकिन इस विषय पर अब तक कोई फैसला नही लिया जा सका। क्योंकि नेपाल कोसी नदी पर बांध बनाने का हर बार विरोध करता रहता है। उनका कहना है कि कोसी पर बांध बनाने से नेपाल पर्यावरण पर बहुत बुरा असर हो सकता है और इसकी वजह से नेपाल के कई इलाके जलमग्न भी हो सकते हैं।

नेपाल में लगातार हो रही जंगलों की कटाई

जानकारों का यह भी मानना है कि नेपाल में जंगलों की कटाई भी बाढ़ की एक बड़ी वजह है। दरअसल, खेती के लिए नेपाल में बड़े पैमाने पर पेंड़ों की कटाई हुई है। जिसकी वजह से बारिश के मौसम में पानी रूकने के बजाय तेजी से बहकर नीचे की ओर आती है और नदियों में उफान लाती है। 

फरक्का बैराज भी बिहार बाढ़ का बड़ा फैक्टर

गंगा नदी पर बना फरक्का बैराज बिहार में बाढ़ की बड़ी वजह माना जाता है। दरअसल, नदियां पानी के साथ-साथ गाद (सिल्ट) भी बहा कर लाती हैं। पहले यह गाद पानी के साथ ही बह जाया करता था लेकिन इस बैराज की वजह से वह आगे नहीं जा पाता और बैराज के मुहाने पर जमकर इसे जाम कर देती है। इस वजह से नदियों के पानी को आगे बढ़ने की जगह नहीं मिल पाती है और बाढ़ का रूप ले लेती है।

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