पैसे और पॉलिटिकल पावर में इतने दमदार हैं गीतिका सुसाइड केस से बरी हुए गोपाल कांडा, रेडियो रिपेरिंग से खड़ा किया पूरा एंपायर

  • साल 1990 में चलाते थे रेडियो रिपेयरिंग की शॉप
  • पिता के नाम पर 2007 में खोली एयरलाइन कंपनी
  • करीब 11 साल पुराने मामले से हुए बाइज्जत बरी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-25 12:27 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले 11 सालों से चले आ रहे एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक गोपाल कांडा को बरी कर दिया गया है। कांडा और उनकी सहायक अरुणा चड्डा पर 5 अगस्त साल 2012 में सुसाइड करने वाली गीतिका को उकसाने का आरोप था। लेकिन दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है। इस पूरे मामले से गोपाल कांडा की राजनीतिक छवि पर कोई असर नहीं पड़ा उल्टा पूरे देश में लोग उन्हें जानने लगे।

बड़े बिजनेसमैन हैं गोपाल कांडा

गोपाल गोयल कांडा की राजनीति में पकड़ का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक समय में उन्होंने भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार बनाई थी। तो आज खट्टर सरकार का समर्थन कर रहे हैं। जबकि चार साल पहले साल 2019 में उन्होंने हरियाणा लोकहित पार्टी नाम की अपनी खुद की पार्टी बना ली थी। जिसके पदाधिकारी उनके भाई गोविंद कांडा भी हैं। हालांकि, गोपाल कांडा एक राजनेता से ज्यादा बिजनेसमैन हैं। जिनका प्रॉपर्टी समेत कई प्रकार के बिजनेस में अलग तरह का रुतबा है।

रेडियो रिपेयरिंग की शॉप चलाते थे कांडा

तीन दशक से पहले साल 1990 में गोपाल कांडा जूपिटर म्यूजिक होम नाम की एक रेडियो हैंडसेट रिपेयरिंग की शॉप चलाते थे। चूंकि उनके पिता मुरलीधर लखराम सिरसा के एक नामी वकील थे, इसलिए पूरे जिले में उनके साथ-साथ गोपाल कांडा की भी काफी पहचान थी। रेडियो रिपेयरिंग की इस छोटी-सी शॉप को चलाते-चलाते गोपाल ने एक जूतो का स्टोर खोला, जो इतनी तेजी से चल पड़ा की उन्होंने जूते बनाने की एक फैक्ट्री ही शुरू कर दी।

पिता के नाम पर शुरू की एयरलाइन कंपनी

बढ़ते बिजनेस के साथ गोपाल कांडा की पहचान विभिन्न बड़े नेताओं और कारोबारियों से भी बनती गई। जिसके बाद विभिन्न प्रकार के व्यापारों के साथ-साथ कांडा ने रियल एस्टेट में भी जमकर पैसे कमाए और देखते ही देखते अपार संपत्ति के मालिक बन गए। लेकिन साल 2007 में उन्होंने अपने पिता के नाम पर एमडीएलआर एयरलाइन कंपनी की शुरुआत कर सभी को चौंका दिया।

इसी एयरलाइन में एयरहोस्टेस थी गीतिका

गोपाल कांडा की इसी एयरलाइन कंपनी में गीतिका शर्मा एयरहोस्टेस थी। जिसके बाद अचानक ही उसे कंपनी डायरेक्टर के पद पर बैठा दिया गया। इतनी छोटी सी उम्र (मजह 23 साल) में गीतिका को मिली इतनी बड़ी जिम्मेदारी ने सभी को चौंका दिया था। हालांकि, कांडा की एयरलाइन कंपनी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी और महज दो सालों के अंदर बंद हो गई।     

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