G-20 Summit: जी20 की बैठक से पहले 'इंडिया' और 'भारत' के नाम पर लड़ाई तेज! एस जयशंकर ने विपक्ष को दी संविधान पढ़ने की सलाह

  • जी20 की बैठक से पहले सियासत तेज
  • इंडिया बनाम भारत की लड़ाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-06 04:30 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में जी20 की बैठक राजधानी दिल्ली में 9 से 10 सितंबर होने जा रही है। लेकिन उसके पहले सियासत भी तेज होती हुई दिखाई दे रही है। जी-20 शिखर सम्मेलन के इन्विटेशन कार्ड्स पर इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है साथ ही इसे संविधान बदलने का आरोप भी लगा रहा है। अब इसी मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है और विपक्ष को सलाह भी दिया है। शंकर ने कहा कि, जो लोग (विपक्ष) भारत नाम पर आपत्ति दर्ज करा रहे हैं उन्हें संविधान पढ़ना चाहिए।

न्यूज एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "इंडिया दैट इज भारत' और यह संविधान में है। मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा। जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है।"

कांग्रेस का बीजेपी पर वार

कांग्रेस पार्टी ने बीते दिन यानी 5 सितंबर को जी-20 के डिनर इनवाइट पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे होने का दावा किया था। इसके बाद से ही विपक्षी दल बीजेपी की सरकार पर हमलावर हैं। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का नाम भी 'इंडिया' है। इन पार्टियों का कहना है कि इंडिया गठबंधन से डरकर, भाजपा ने राष्ट्रपति ऑफ भारत का इस्तेमाल किया है।

शी जिनपिंग के ना आने पर क्या बोले शंकर?

जानकारी के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी20 की बैठक में भाग नहीं लेंगे। वो अपने प्रतिनिधी भारत में भेजेंगे, जो इस समिट में अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एएनआई से कहा, "मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने कुछ कारणवश न आने का फैसला किया है। लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है। मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है।"

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