आर्थिक नीति: भारत के साथ हर कोई चाहता है मुक्त व्यापार समझौता, ड्रैगन ने माना भारत का लोहा: रिपोर्ट

  • ग्लोबल टाइम्स में मोदी सरकार की तारीफ
  • भारत की बढ़ती आर्थिक और रणनीतिक ताकत
  • भारत की आर्थिक -विदेश नीति में सकारात्मक बदलाव

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-04 11:31 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूरोप और ब्रिटेन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से लेकर ओमान और पेरू जैसी छोटी अर्थव्यवस्थाओं वाले कई देश भी भारत के तेजी से बढ़ते बाजार के कारण उसके साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करना चाहते हैं। एक आर्थिक शोध संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने इस रिपोर्ट में कहा कि भारत के साथ एफटीए करने से ये देश कम या बिना किसी आयात शुल्क के भारतीय बाजार तक पहुंच कायम कर सकते हैं। इससे उनकी कंपनियों को भारतीय बाजार में बिक्री करने में दूसरों के मुकाबले बढ़त मिलती है।

भारत वर्तमान में अपना अधिकतर आयात उन देशों से करता है, जिनके साथ उसका एफटीए नहीं है। इसलिए ये समझौता आकर्षक है। अमेरिका.यूरोप, जापान, ब्रिटेन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों से लेकर मॉरीशस, ओमान, पेरू जैसे छोटी अर्थव्यवस्था वाले देश भारत के साथ एफटीए चाहते है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन छोटे देशों का भारत के बड़े तथा तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है। 

दूसरी तरफ चीन भी अब भारत की बढ़ती आर्थिक और रणनीतिक ताकत का लोहा मानने लगा है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में भारत की आर्थिक और विदेश नीति को लेकर एक लेख प्रकाशित हुआ है। प्रकाशित लेख में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक और विदेश नीति में सकारात्मक बदलाव की जमकर तारीफ की गई है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख के मुताबिक भारत अब रणनीतिक रूप से ज्यादा विश्वास से भरा हुआ है और अपने 'भारत नैरेटिव' के विकास के लिए ज्यादा सक्रियता से काम कर रहा है।

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