संसद की सूरक्षा के चूक मामला: दिल्ली पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, मामले से दो और शख्स की एंट्री, एक वरिष्ठ अधिकारी का बेटा भी शामिल

  • दिल्ली पुलिस ने एक और आरोपी को दबोचा
  • बेंगलुरु से दिल्ली लाया जा रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-21 07:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सदन की सूरक्षा में चूक मामले में दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। इस मामले में पुलिस ने दो और शख्स की पहचान की है। खबरें हैं कि इस घटना में दो और किरदारों से पूछताछ जांच एजेंसी करने जा रही है। ताजा पहचान किए गए आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम आमने-सामने बैठा कर पूछताछ कर सकती है।

दोनों शख्स में से एक बैंगलोर का रहने वाला है जो पेशे से इंजीनियर है। जिसे हिरासत में ले लिया गया है। जबकि दूसरा शख्स उत्तर प्रदेश के जालौन जिले का रहने वाला है जिससे लंबी दौर की पूछताछ हुई है। एबीपी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि संसद भवन मामले में पुलिस की जांच में दो और संदिग्धों के नाम सामने आ रहे हैं।

दो और नए शख्स की एंट्री

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने कर्नाटक के बागलकोट शहर से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को हिरासत में लिया है। जिसका नाम साई कृष्णा बताया जा रहा है। हिरासत में लिए गए आरोपी के पिता टॉप पुलिस ऑफिसर हैं। इसका संबंध डी मनोरंजन से जुड़ा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों ही अच्छे दोस्त हैं। बुधवार देर रात तक पुलिस ने उससे पूछताछ की जिसके बाद हिरासत में लेकर दिल्ली लाया जा रहा है।

जबकि उत्तर प्रदेश के जालौन के रहने वाले अतुल कुलश्रेष्ठ नाम के शख्स से भी पुलिस ने पूछताछ की है। अतुल कुलश्रेष्ठ 50 साल का है और बेरोजगार है। उसके पास किसी तरह का कोई काम नहीं है। खबरें हैं कि दिल्ली पुलिस ने इन दोनों शख्स के बयानों को रिकॉर्ड कर लिया है और संसद मामले में उनकी संलिप्तता की जांच कर रही है।

13 दिसंबर को हुआ था क्या?

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा में 13 दिसंबर को दो व्यक्ति सागर शर्मा और डी मनोरंजन चलती सदन के बीच दर्शक दीर्घा से कूद गए थे और इस दौरान दोनों आरोपियों ने जूते से केन निकला और धुआं छोड़ने लगे थे साथ ही नारे भी लगाए। जिसके दौरान सदन में भगदड़ मच गई थी।

जब सदन में ये दोनों आरोपी दाखिल हुए थे उसी समय, संसद भवन परिसर के बाहर दो लोग अमोल शिंदे और नीलम देवी ने विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके दौरान तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए थे और केन से रंगीन धुआं छोड़ते हुए प्रदर्शन किया था। इन चारों के अलावा पुलिस ने कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार कर लिया है। उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

पूरे मामसे पर अधिकारी का खुलासा

इस पूरे मामले पर सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने मेटा से कई व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों के साथ-साथ उनकी 'चैट' बरामद की है। ये आरोपी भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप चलाते थे। ऐसी भी जानकारी है कि ये तमाम आरोपी सुरक्षा में सेंध की योजना बनाने के लिए सिग्नल एप पर बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में एक दूसरे से मुलाकात की थी।

इन आरोपियों के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि मैसूर का रहने वाला डी मनोरंजन इन पांचों आरोपियों के आने जाने का खर्च उठाया था। दिल्ली पुलिस इन चार आरोपियों के फर्जी सिम कार्ड की भी तलाश कर रही है जिससे उनकी बातचीत होती थी। इनके मोबाइल फोन राजस्थान में झा और कुमावत द्वारा कथित तौर पर नष्ट कर दिए गए थे।

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