शोध पर बात: फेफड़ों के कैंसर के उच्च जोखिम की पहचान करेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण : रिसर्च

  • भारतीय मूल के शोधकर्ता की बड़ी शोध
  • बिना धूम्रपान करने वालों में कैंसर की पहचान कर सकता है एआई
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण चेस्‍ट के एक्स-रे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-24 11:57 GMT

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के एक शोधकर्ता सहित अन्‍य शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण चेस्‍ट के एक्स-रे से बिना धूम्रपान करने वालों में कैंसर की पहचान कर सकता है।

फेफड़ों का कैंसर, कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे आम कारण है। लगभग 10-20 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर धूम्रपान न करने वाले उन लोगों में होते हैं, जिन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी है या अपने जीवनकाल में 100 से कम सिगरेट पी हैं। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह परीक्षण करके धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के जोखिम की भविष्यवाणी में सुधार करने का लक्ष्य रखा है कि क्या एक गहन शिक्षण मॉडल इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से उनके सीने के एक्स-रे के आधार पर कभी धूम्रपान न करने वालों को फेफड़ों के कैंसर के उच्च जोखिम की पहचान कर सकता है।

डीप लर्निंग एक उन्नत प्रकार का एआई है, जिसे बीमारी से जुड़े पैटर्न खोजने के लिए एक्स-रे छवियों को खोजने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिकल छात्रा, मुख्य लेखिका अनिका एस. वालिया ने कहा, ''हमारे दृष्टिकोण का एक बड़ा लाभ यह है कि इसके लिए केवल एक चेस्‍ट एक्स रे छवि की आवश्यकता होती है जो चिकित्सा में सबसे आम परीक्षणों में से एक है और इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड में व्यापक रूप से उपलब्ध है।''

"सीएक्सआर-लंग-रिस्क" मॉडल इनपुट के रूप में एकल चेेेस्‍ट एक्स-रे छवि के आधार पर फेफड़ों से संबंधित मृत्यु दर जोखिम की भविष्यवाणी करने के लिए 40,643 धूम्रपान करने वालों और कभी धूम्रपान न करने वालों के 1,47,497 चेस्‍ट एक्स-रे का उपयोग करके विकसित किया गया था। शोधकर्ताओं ने 2013 से 2014 तक नियमित बाह्य रोगी चेस्‍ट एक्स-रे कराने वाले धूम्रपान न करने वालों के एक अलग समूह में मॉडल को बाहरी रूप से मान्य किया।

प्राथमिक परिणाम फेफड़ों के कैंसर की छह साल की घटना थी। अध्ययन में शामिल 17,407 रोगियों (औसत आयु 63 वर्ष) में से 28 प्रतिशत को गहन शिक्षण मॉडल द्वारा उच्च जोखिम माना गया था, और इनमें से 2.9 प्रतिशत रोगियों में बाद में फेफड़ों के कैंसर की पहचान की गई। उच्च जोखिम वाला समूह 1.3 प्रतिशत छह-वर्षीय जोखिम सीमा को पार कर गया है, जहां राष्ट्रीय व्यापक कैंसर नेटवर्क दिशानिर्देशों द्वारा फेफड़ों के कैंसर स्क्रीनिंग सीटी की सिफारिश की जाती है।

कम जोखिम वाले समूह की तुलना में उच्च जोखिम वाले समूह में फेफड़ों का कैंसर विकसित होने का जोखिम अभी भी 2.1 गुना अधिक था। मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल (एमजीएच) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निदेशक और कार्डियोवास्कुलर के सह-निदेशक माइकल टी. लू ने कहा, "यह एआई उपकरण इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड में मौजूदा चेस्‍ट एक्स-रे का उपयोग करके कभी भी धूम्रपान न करने वालों के लिए फेफड़ों के कैंसर के उच्च जोखिम वाले अवसरवादी स्क्रीनिंग का द्वार खोलता है।" उन्‍होंने कहा, "चूंकि सिगरेट पीने की दर में गिरावट आ रही है, इसलिए धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का जल्द पता लगाने के तरीके तेजी से महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।"

आईएएनएस

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