सबसे कम उम्र में गवर्नर बनने का रिकॉर्ड बनाने वाली भारतीय मूल की निक्की हेली बन सकती हैं अमेरिका की राष्ट्रपति! 191 साल में पहली बार भारतवंशी से होगा भारतवंशी का सामना
अमेरिका को मिलेगा भारतीय मूल का राष्ट्रपति सबसे कम उम्र में गवर्नर बनने का रिकॉर्ड बनाने वाली भारतीय मूल की निक्की हेली बन सकती हैं अमेरिका की राष्ट्रपति! 191 साल में पहली बार भारतवंशी से होगा भारतवंशी का सामना
- कम उम्र में गवर्नर बनने का रिकॉर्ड
- भारतीय थे माता-पिता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। एक तरफ रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से उम्मीदवार के तौर पर उतरने की तैयारी में हैं, तो वहीं दूसरी और उनकी ही पार्टी से उन्हें चुनौती देने के लिए एक भारतवंशी महिला निक्की हेली ने मैदान में उतरने की घोषणा की है। साउथ कैरोलिना राज्य की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान वह संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की राजदूत रह चुकी हैं। एसोसिएटड प्रेस के मुताबिक, 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिक पार्टी की ओर से नॉमिनेशन में ट्रंप के सामने निक्की हेली बड़ी चुनौती पेश कर सकती हैं। बता दें कि, वे पहले भी ट्रंप सरकार के खिलाफ आवाज उठा चुकी हैं।
वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी ठोक सकती है। वे अगले साल पार्टी की ओर से प्रेसिडेंट पद की कैंडिडेट हो सकती है। इन दोनों नेताओं में कई समानताएं भी हैं। दोनों ही नेता चीन को दुश्मन मानती हैं और दोनों ही रंगभेद के खिलाफ है। यदि ऐसा होता है तो अमेरिका की 191 सालों की इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव में भारतवंशी बनाम भारतवंशी देखने को मिल सकता है।
राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा की निक्की हेली
51 वर्षीय निक्की हेली ने मंगलवार को रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के नामांकन लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा से सभी को चौंका दिया है। इसके लिए उन्होंने ईमेल के जरिए अपनी टीम को एक वीडियो संदेश भेजा, जिसमें वे कह रही हैं कि मैं निक्की राष्ट्रपति पद की होड़ में उतर रही हूं। उन्होंने कहा कि, मैं अपनी कैंपनिंग की प्लानिंग साउथ कैरोलिना के चार्ल्सटन शहर में एक स्पीच के जरिए पेश करने जा रही हूं। इस वीडियो के जरिए हेली ने संदेश दिया है कि यह दौर नई पीढ़ी के नेतृत्व करने का है। ताकि राजकोषीय जिम्मेदारियों को एक बार फिर से बेहतर बनाया जा सके, जिससे अपनी सीमाओं की सुरक्षा होगी और अपने देश को शक्तिशाली बनाया जा सके, अपने गौरव और अपने उद्देश्य को फिर से खोजा जा सके।
पार्टी की तरफ से और भी नाम शामिल होने के आसार
फिलहाल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में व्हाइट हाउस में डेरा जमाने की राह में डोनाल्ड ट्रंप के सामने निक्की हेली अकेली अहम चैलेंजर के तौर पर हैं। लेकिन राजनीतिक गुरूओं का मानना है कि उनकी घोषणा को रिपब्लिकन पार्टी में नॉमिनेशन की रेस के तेज होने का संकेत माना जा रहा है। अगले साल होने वाले प्रेसिडेंट पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार के तौर उतरने की होड़ में कई हाई प्रोफाइल लोग माने जा रहे हैं। इनमें फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डिसेंटिग, पूर्व अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पैंस, साउथ कैरोलिना से यूएस सीनेटर टिम स्कॉट, न्यू हैंपशायर के गवर्नर क्रिस सुनुनू के अलावा अरांकसास के पूर्व गवर्नर असा हिचिन्सन शामिल हैं।
भारतीय थे माता-पिता
निक्की हेली का जन्म 20 जनवरी, 1972 को अमेरिका के बमबर्ग में हुआ था। वे सिख परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता अजीत सिंह रंधावा और माता राज कौर रंधावा 1960 के दशक में पंजाब से कनाडा गए और बेहतर भविष्य की तलाश में अमेरिका चले गए थे। कनाडा जाने से पहले निक्की के पिता पंजाब में "पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी" में प्रोफेसर थे। उनकी माता ने भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ किया था। अमेरिका में पली बढ़ी निक्की हेली का नाम जन्म के वक्त निम्रत रंधावा था। निक्की के दो भाई हैं। जिनका नाम मिट्टी व चरण हैं। उनकी बहन का नाम सिमरन है। वर्तमान समय में निक्की के माता-पिता का साउथ कैरोलिना में एक्सोटिका इंटरनेशनल नाम से बड़ा क्लॉथ स्टोर है। जो इंटरनेशनल लेवल पर काफी ज्यादा फेमस है। साल 1996 में निक्की ने माइकल हेली से शादी की थी। निक्की के दो बच्चे हैं।
कम उम्र में गवर्नर बनने का रिकॉर्ड
39 साल की उम्र में निक्की साउथ कैरोलीना की गवर्नर बनी थीं। साल 2011 में गवर्नर चुने जाने वाली निक्की अमेरिका की सबसे कम उम्र की गवर्नर बनी थीं। इसके अलावा वह साउथ कैरोलीना की पहली महिला गवर्नर बनी थी।
निक्की ने अपनी पढ़ाई अमेरिका के क्लेमसन विश्वविद्यालय से की। यहां वह बीएस की डिग्री हासिल की। साल 2005 में निक्की पहली बार अमेरिकी संसद में पहुंची। रिपब्लिकन पार्टी ने उन्होंने अमेरिकी संसद के निचले सदन में भेजा था। साल 2010 में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। उसके अगले साल वे साउथ कैरोलीना की गवर्नर चुन ली गईं।