चीन ने रमजान के दौरान उइगर मुसलमानों को नहीं दी रोजा रखने की अनुमति: ईसा

चीन ने रमजान के दौरान उइगर मुसलमानों को नहीं दी रोजा रखने की अनुमति: ईसा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-28 09:30 GMT
चीन ने रमजान के दौरान उइगर मुसलमानों को नहीं दी रोजा रखने की अनुमति: ईसा
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तिरुवनंतपुरम, 28 सितंबर (आईएएनएस)। जर्मनी में निर्वासन में रह रहे विश्व उइगर कांग्रेस के अध्यक्ष डॉल्कन ईसा ने कहा है कि चीन की मुस्लिम आबादी को रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने की भी अनुमति नहीं है। वहां मुसलमानों को सामुदायिक रसोई के जरिए भोजन करने के लिए बाध्य किया जाता है।

तिरुवनंतपुरम स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा उइगर मुस्लिम और चीन द्वारा उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन विषय पर आयोजित एक वेबिनार में ईसा ने यह बात कही।

ईसा ने कहा, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अल्पसंख्यक उइगर मुसलमानों के सभी मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। उन्हें अपने बच्चों के नाम भी धर्म के आधार पर नहीं रखने दे रही है। यहां तक कि पश्चिमी देशों में निर्वासन में रह रहे उइगर कार्यकर्ताओं को भी यह पार्टी परेशान कर रही है। चीन सरकार द्वारा की जा रही इन बर्बरताओं के खिलाफ बोलने वालों का इंटरपोल के जरिए पीछा किया जा रहा है। यदि दुनिया चीनी वस्तुओं और चीनी व्यवसायों को नहीं रोकती है तो लोकतंत्र और मानव अधिकार अतीत की बातें बन जाएंगे।

वॉशिंगटन में रहने वाले कैंपेन 4 उइगर्स का नेतृत्व करने वाली संस्थापक चेयरपर्सन रुशन अब्बास ने कहा कि उइगर और तिब्बती, चीन सरकार की गुलामी और नरसंहार का शिकार हो रहे हैं।

अपनी बहन गुलशन अब्बास के अपहरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है और सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किए जा रहे उइगर मुस्लिमों के नरसंहार के खिलाफ मुस्लिम दुनिया को सक्रिय होने का आह्वान किया है।

सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटेजी के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य जयदेव रानाडे ने कहा कि भारत ने चीन के खिलाफ अपना पक्ष रखा है। उसने न केवल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन को रोका है बल्कि देश में भी चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने चीन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।

एसडीजे-एसकेपी

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