इंडी ब्लॉक में टूट!: दिल्ली में भी अकेले चुनाव लड़ने के मूड में आप, 6 सीट अपने पास रखकर कांग्रेस को बस 1 सीट देने के लिए राजी
- दिल्ली में 6 लोकसभा सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी आप
- कांग्रेस को बस एक सीट देने के लिए राजी
- कहा - 'दिल्ली में कांग्रेस एक भी सीट की हकदार नहीं है'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर किसी भी राज्य में बात बनती नहीं दिख रही है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने सबसे पहले किनारा करते हुए सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। आम आदमी पार्टी का पंजाब में ममता दीदी जैसा ही रूख है। इसके अलावा असम के कुछ सीटों पर भी आप की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है। पहले चर्चा थी कि कांग्रेस के साथ दिल्ली में सीटों के बंटवारे पर रास्ता निकाला जाएगा। हालांकि, अब राजधानी में भी सीट शेयरिंग पर इंडी ब्लॉक विफल होते नजर आ रही है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के 7 में से 6 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। आप दिल्ली में कांग्रेस को बस एक सीट देने के लिए राजी हुई है। पार्टी ने पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी की बैठक के बाद गुजरात में 8 सीटों पर दावा पेश किया है। आप ने गोवा और गुजरात की तीन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके अलावा पार्टी ने दिल्ली में सीट शेयरिंग प्रस्ताव नहीं मंजूर होने पर यहां भी उम्मीदवारों की घोषणा करने की बात कही है।
आप का फैसला
आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक के बाद गोवा और गुजरात की कुछ लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। बैठक के बाद आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने सीट शेयरिंग पर कांग्रेस के सुस्त रवैये को पार्टी के एक्शन का कारण बताया। उन्होंने इससे पहले असम में की गई उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की चर्चा करते हुए साउथ गोवा सीट से प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। पार्टी ने साउथ गोवा सीट पर विधायक वेन्जी विएगस को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा गुजरात के भरूच लोकसभा सीट से चैतर वसावा और भावनगर से उमेश भाई मकवाना को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया गया है। साथ ही पार्टी ने इन घोषणाओं पर गठबंधन की ओर से मुहर लगने की उम्मीद जताई है।
'एक भी सीट की हकदार नहीं है कांग्रेस'
आप सांसद संदीप पाठक ने उम्मीदवारों की घोषणा के दौरान कहा कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी एक भी सीट की हकदार नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शून्य सीटें मिलीं। डेटा के आधार पर कांग्रेस एक भी सीट की हकदार नहीं हैलेकिन, गठबंधन धर्म और कांग्रेस का मान रखते हुए एक सीट ऑफर की गई है। इसके अलावा संदीप पाठक ने कहा कि गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस अगर जल्दी कोई नतीजा नहीं निकालती तो पार्टी कुछ ही दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा भी कर देगी।
बातचीत में देरी को बताया कारण
आप नेता संदीप पाठक ने पार्टी की तरफ से उम्मीदवार और सीटों को लेकर उठाए गए कदमों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। आप नेता ने कांग्रेस पर सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत में देरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "सीट शेयरिंग पर कांग्रेस के साथ दो आधिकारिक बैठक और बातचीत हुई लेकिन, नतीजा नहीं निकला। इन दो बैठकों के अलावा पिछले एक महीने में कोई बैठक नहीं हुई। इंतजार करते हुए एक महीना हो गया। हमें बताया गया कि यात्रा चल रही है, हम इंतजार करते रहे। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को भी नहीं पता कि बैठक कब होगी।"