In Pics: पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का 96 साल की उम्र में निधन, तस्वीरों में देखें उनका शानदार सफर
In Pics: पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का 96 साल की उम्र में निधन, तस्वीरों में देखें उनका शानदार सफर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का आज सुबह 96 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। भारत को ओलंपिक में तीन बार गोल्ड मेडल जिताने वाले बलबीर को 8 मई को सांस लेने में तकलीफ और तेज बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्हें तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा। दिमाग में खून का थक्का जमने की वजह से वे 18 मई से कोमा में भी चले गए थे। आज हम आपकों तस्वीरों में दिखाने जा रहे हैं हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर की शानदार यात्रा:
एक ही फ्रेम में तीन गोल्ड मेडल
बलबीर सिंह सीनियर ने अपने पूरे जीवन में कई पुरस्कार जीते, लेकिन उनके सबसे बेशकीमती वो तीन गोल्ड मेडल रहें, जो उन्होंने 1948 लंदन, 1952 हेलसिंकी और 1956 मेलबर्न ओलंपिक में अपनी टीम के साथ जीते थे। इस तस्वीर में एक ही फ्रेम में एक साथ जीते गए तीन ओलंपिक पदक दिखाए गए हैं।
फैमिली मैन थे बलबीर
अपने अंतिम दिनों में भी बलबीर सिंह सीनियर फैमिली मैन बने रहें। इस तस्वीर में वह अपने परिवार के साथ समय बिताते दिखाई दे रहे हैं।
भारतीय हॉकी के डाय हार्ड फैन थे बलबीर
बलबीर सिंह सीनियर स्पोर्ट के डाय हार्ड फैन थे खासकर भारतीय हॉकी टीम के। उनकी यह तस्वीर नीदरलैंड के खिलाफ भारत की एफआईएच प्रो लीग के दौरान ली गई थी जहां भारत ने जीत दर्ज की थी।
हमेशा उनके दिल में भारत रहा
2019 में, बलबीर सिंह सीनियर 108 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती थे। तब भी उनके दिल में भारत था। इस तस्वीर में, बलबीर सिंह सीनियर को चंडीगढ़ में अस्पताल के कमरे की खिड़की से लटकते हुए भारतीय झंडे को देखते हुए देखा जा सकता है।
मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित बलबीर सिंह
मार्च 2015 में, बलबीर सिंह सीनियर को हॉकी इंडिया अवार्ड्स के दौरान मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। पुरस्कार के साथ बलबीर सिंह सीनियर को 30 लाख रुपये का चेक भी दिया गया।
मैनेजर और कोच के तौर पर भी किया काम
बलबीर सिंह सीनियर 1975 के पुरुष हॉकी विश्व कप विजेता टीम के मैनेजर थे। 1971 की टीम के साथ उन्होंने कोच के तौर पर भी काम किया। इस टीम ने भारत को बॉन्ज मेडल दिलाया था। इस फोटो में बलबीर सिंह सीनियर को पूर्व खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा सम्मानित करते हुए देखा जा सकता है।
मेजर ध्यानचंद को ट्रिब्यूट देते बलबीर सिंह
चंडीगढ़ में 6 फरवरी 2009 को ली गई इस तस्वीर में, बलबीर सिंह सीनियर को भारतीय हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद की स्टिक के साथ देखा जा सकता है। मेजर ध्यानचंद ने भारत को तीन ओलंपिक 1928, 1936 और 1936 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और तीनों में गोल्ड जिताया था।
पद्मश्री से सम्मानित बलबीर सिंह
स्वतंत्र भारत को ओलंपिक में लगातार तीसरा स्वर्ण जिताने के बाद, बलबीर सिंह का नाम हर एक की जुबान पर था। 1957 में ली गई इस तस्वीर में, भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारतीय हॉकी के महानायक को पद्मश्री से सम्मानित करते हुए देखा जा सकता है।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक बलबीर सिंह सीनियर
हॉलैंड के खिलाफ 1952 के ओलंपिक फाइनल में, भारत ने विपक्षी को 6-1 से हराया। बलबीर सिंह सीनियर ने इस मैच में पांच गोल किए। ओलंपिक में मेन्स हॉकी फाइनल में किसी खिलाड़ी का यह सबसे ज्यादा गोल करने का रिकॉर्ड था। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी कायम है।
1956 में बलबीर सिंह ने टीम की कप्तानी की
टीम की कप्तानी करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी के बावजूद बलबीर सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 1956 में मेलबर्न में भारत को गोल्ड दिलाया। ओलंपिक में भारत का यह लगातार छठा गोल्ड था। इस फोटो में बलबीर सिंह सीनियर को टीम के साथ पोडियम पर पदक प्राप्त करते हुए देखा जा सकता है।
हमेशा सुर्खियों में रहें बलबीर सिंह
1948 के ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद बलबीर सिंह और पूरी टीम रातोंरात स्टार बन गईं। इस तस्वीर में बलबीर सिंह के साथ पूरी टीम को भारत के आखिरी गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी से मिलते हुए देखा जा सकता है।
फाइनल में बलबीर सिंह सीनियर ने दागे थे दो गोल
ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ फाइनल में, बलबीर सिंह सीनियर ने दो महत्वपूर्ण गोल किए। इस फोटो में भारत के दिग्गज को फाइनल में अपने दूसरे गोल के बाद टीम साथी के साथ जश्न मनाते देखा जा सकता है। उन्हें क्वार्टर और सेमीफाइनल में टीम में शामिल नहीं किया गया था और भारत इन मैचों में उनके बिना काफी संघर्ष करना पड़ा। हंगामे के बाद उन्हें टीम में वापस लाया गया।
जब बलबीर सिंह ने स्वतंत्र भारत को अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया
12 अगस्त 1948 को भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराकर एक स्वतंत्र देश के रूप में अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण जीता था। इस तस्वीर में बलबीर सिंह सीनियर को भारत के उच्चायुक्त वीके कृष्ण मेनन के बधाई संदेश दे रहे हैं।