दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व कोच मारिजने को हॉकी इंडिया टीम के कप्तान के खिलाफ टिप्पणी करने से रोका
हॉकी दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व कोच मारिजने को हॉकी इंडिया टीम के कप्तान के खिलाफ टिप्पणी करने से रोका
- दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व कोच मारिजने को हॉकी इंडिया टीम के कप्तान के खिलाफ टिप्पणी करने से रोका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच शुअर्ड मरिने को पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह पर अपनी आगामी पुस्तक से कोई भी बयान देने या साक्षात्कार देने या किसी भी सामग्री को प्रकाशित करने से रोक दिया। एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमित बंसल ने टिप्पणी की, मेरे प्रथम ²ष्टया, उनके द्वारा दिए गए बयान मनप्रीत सिंह की प्रतिष्ठा और सद्भावना के लिए हानिकारक हैं।
कोर्ट ने आगे कहा, सुनवाई की अगली तारीख तक प्रतिवादी नंबर 2 (मरिने) को कोई भी बयान जारी करने, साक्षात्कार देने, पत्राचार करने और अंश प्रकाशित करने से रोक दिया गया है।
सुनवाई के दौरान पब्लिशिंग हाउस हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि सिंह का मुकदमा लंबित होने तक, उनका इरादा लेखन के अंश प्रकाशित करने का नहीं है। उन्होंने कहा, विल पावर: द इनसाइड स्टोरी आफ द इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वीमेन्स हॉकी नामक पुस्तक का विवादास्पद हिस्सा भी एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था, जिसमें मरिने ने आरोप लगाया था कि टीम के कप्तान ने अपने कुछ मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए टीम के युवा खिलाड़ियों को अंडर-परफॉर्म करने को कहा था।
विल पावर: द इनसाइड स्टोरी ऑफ द इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वुमन हॉकी शीर्षक वाली किताब बुधवार (21 सितंबर) को लॉन्च होने वाली थी। हाईकोर्ट ने सोमवार को मरिने और हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को खिलाड़ी गुरजीत कौर की चिकित्सा स्थिति पर अपनी पुस्तक में कोई भी सामग्री प्रकाशित करने से रोक दिया।
सोर्सः आईएएनएस
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