मध्यप्रदेश: नवेगांव में बादल फटे, 120 एकड़ की फसल तबाह, दो दिन बाद भी नहीं जागा राजस्व व कृषि अमला
- छिंदवाड़ा के नवे गांव की घटना
- बादल फटने से 120 एकड़ की फसल बर्बाद
- जिला प्रशासन को किसानों से क्षतिपूर्ति की आस
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले में लगातार बारिश का दौर जारी है। जिले में 14 व 15 सितंबर को झमाझम बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए थे। माचागोरा बांध से पानी छोड़े जाने से सौ से अधिक एकड़ में खड़ी खरीफ फसल तबाह हो गई। उमरिया ईसरा के समीपस्थ ग्राम नवेगांव में तीन घंटे की झमाझम बारिश ने बादल फटने जैसी स्थिति बना दी। गांव की पनघटा नदी में बाढ़ आ गई तथा नदी के आस पास के लगभग 120 एकड़ खेत में लगी मक्का की फसल चौपट हो गई है। गांव के लगभग 30 किसानों की खरीफ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी फसल की नुकसानी का जायजा लेने अब तक राजस्व व कृषि अमला खेतों में नहीं पहुंचा है। छिंदवाड़ा तहसील में आने वाले ग्राम नवेगांव के किसान देवीलाल उईके व सिब्बू साहू ने बताया कि किसानों ने तहसीलदार, जिले के सांसद नकुलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं जिला भाजपा अध्यक्ष विवेक बंटी साहू को ज्ञापन सौंपकर बारिश से फसल नुकसान की जानकारी प्रदान की है।
ठेका लेकर कर रहे खेती
किसान ब्रजमोहन साहू ने बताया कि उन्होंने शांति वर्मा से 7 एकड़ भूमि 87 हजार रूपए में ठेके पर ली है। लेकिन महज ढाई घंटे के बारिश ने 5 एकड़ की फसल को तबाह कर दिया है। क्षेत्र के 30 से अधिक किसानों की मक्का फसल खेतों में बिछ गई है। अब जिला प्रशासन से क्षतिपूर्ति की आस है।
खेतों से गायब हो गई फसल
पनघटा नदी की बाढ़ कई किसानों के खेतों की फसल बहाकर ले गई है। किसान सुरेश शेंडे, सीताराम यादव एवं छेदामी साहू ने बताया कि किसानों ने कर्ज लेकर बीज व खाद का उपयोग किया है लेकिन फसल पूरी खराब हो जाने से अब संकट दोगुना हो गया है। शासन-प्रशासन को जल्द नुकसानी का सर्वे कराकर मुआवजा देना चाहिए।
नहीं है फसल बीमा
कृषि अमला खरीफ फसल का बीमा कराने किसानों को जागरूक करने की बात करता है लेकिन नवेगांव में ३० से अधिक किसानों की फसल चौपट हो गई तो पता चला कि एक-दो किसानों को छोड़ दिया जाए तो किसी ने भी फसल का बीमा नहीं कराया है।
इनका कहना है
बारिश व बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने राजस्व अमले के साथ कृषि विभाग के अधिकारियों ने नुकसान का आंकलन किया है। अमले से रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।
- जितेन्द्र सिंह उपसंचालक कृषि